चेतेश्वर पुजारा की कहानी: कैसे शाहरुख खान ने बदली उनकी किस्मत
एक निर्णायक मोड़
टीम इंडिया के प्रमुख टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने भले ही इंडियन प्रीमियर लीग में ज्यादा सफलता नहीं पाई, लेकिन उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ 2009 में आया। उस समय उनकी उम्र केवल 21 वर्ष थी और वे कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा बने थे। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद, पुजारा अपने IPL डेब्यू के करीब थे, लेकिन एक अभ्यास मैच में गंभीर चोट ने उनकी क्रिकेट यात्रा को खतरे में डाल दिया।
चोट का खुलासा
इस घटना का जिक्र उनकी पत्नी पुजा पुजारा की किताब 'द डायरी ऑफ ए क्रिकेटर की वाइफ' में किया गया है। इस किताब में बताया गया है कि कैसे एक गंभीर चोट ने पुजारा के करियर को समाप्त करने की कगार पर ला खड़ा किया, लेकिन शाहरुख खान और KKR प्रबंधन ने उनकी मदद की।
घातक चोट का सामना
2008 के सफल घरेलू सीज़न के बाद, पुजारा IPL में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए तैयार थे। KKR ने उन्हें खेलने का आश्वासन दिया था, लेकिन एक अभ्यास मैच में कैच पकड़ने के प्रयास में वे गंभीर रूप से गिर पड़े। किताब में उल्लेख है कि किस तरह एक कैच के लिए दौड़ने के दौरान पुजारा का एसीएल फट गया, जिसके कारण उन्हें सर्जरी की आवश्यकता पड़ी और उनका IPL करियर बिना खेले ही रुक गया।
शाहरुख खान का समर्थन
घटना के तुरंत बाद, KKR प्रबंधन ने पुजारा की चिकित्सा लागत उठाने का निर्णय लिया और उन्हें साउथ अफ्रीका के केप टाउन में सर्जरी करवाने के लिए भेजा। हालांकि, पुजारा के पिता को शुरुआत में चिंता थी क्योंकि उनके पास पासपोर्ट नहीं था। शाहरुख खान ने व्यक्तिगत रूप से उन्हें आश्वस्त किया कि सर्जरी साउथ अफ्रीका में कराना सबसे अच्छा होगा।
KKR की तत्परता
KKR ने तेजी से पुजारा के पासपोर्ट, वीजा और यात्रा की सभी व्यवस्थाएं कीं। शाहरुख खान ने पुजारा के परिवार को भरोसा दिलाया कि उन्हें किसी भी प्रकार की कमी नहीं होगी। कुछ ही दिनों में, पुजारा के पिता और डॉ. निर्भय शाह केप टाउन पहुंच गए और सर्जरी सफलतापूर्वक हुई।
सफलता की ओर
सर्जरी के बाद, पुजारा पूरी तरह से स्वस्थ होकर लौटे। हालांकि उनका IPL करियर आगे नहीं बढ़ा, लेकिन वे भारत के सबसे भरोसेमंद टेस्ट बल्लेबाजों में से एक बन गए और कई यादगार पारियां खेलीं। पुजा पुजारा की किताब में यह कहानी न केवल शाहरुख खान के सहायक व्यक्तित्व को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समय पर मिली मदद किसी खिलाड़ी के करियर को कैसे बदल सकती है।