छात्र आत्महत्या रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का नया कदम
छात्र आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं
छात्र आत्महत्या: देश में छात्रों द्वारा आत्महत्या के मामलों में वृद्धि ने समाज के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट को भी गंभीर चिंता में डाल दिया है। मानसिक स्वास्थ्य, शैक्षणिक दबाव और भेदभाव जैसे मुद्दों से प्रभावित छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर स्थापित नेशनल टास्क फोर्स (NTF) ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से जुड़ने के लिए एक विशेष वेबसाइट ntf.education.gov.in लॉन्च की है। यह पोर्टल मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं, आत्महत्या रोकने के उपायों और बेहतर शैक्षणिक माहौल के लिए सुझावों को सीधे टास्क फोर्स तक पहुंचाने का एक मंच प्रदान करेगा।
टास्क फोर्स की गतिविधियाँ
टास्क फोर्स की पहली बैठक 29 मार्च को आयोजित की गई थी, जिसके बाद यह टीम देशभर के शिक्षा संस्थानों का दौरा कर रही है, विशेषज्ञों से चर्चा कर रही है और पुरानी रिपोर्टों का विश्लेषण कर रही है। जस्टिस एस. रविन्द्र भट्ट (रिटायर्ड) की अध्यक्षता में बनी 18 सदस्यों की टीम अब ऑनलाइन सर्वेक्षण के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश के 60,380 उच्च शिक्षा संस्थानों में कोई भी छात्र आत्महत्या जैसे कदम न उठाए। इसके लिए टास्क फोर्स छात्रों की समस्याओं की पहचान कर रही है और स्थायी समाधान के लिए ठोस सिफारिशें तैयार कर रही है।
आत्महत्या रोकने के लिए तीन प्रमुख पहल
नेशनल टास्क फोर्स ने छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए तीन मुख्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया है। पहला, आत्महत्या के पीछे के मुख्य कारणों की पहचान करना जैसे शैक्षणिक दबाव, वित्तीय समस्याएं, भेदभाव और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे। दूसरा, मौजूदा छात्र कल्याण और मानसिक स्वास्थ्य नीतियों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना। तीसरा, शिक्षा संस्थानों में सहायक माहौल बनाने के लिए आवश्यक सुधारों की सिफारिश करना।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस
जुलाई 2025 में, सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए 15 गाइडलाइंस जारी की थीं। इनमें सभी संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य नीति को लागू करना, योग्य काउंसलर की नियुक्ति, संवेदनशीलता प्रशिक्षण, सार्वजनिक शर्मिंदगी से बचना और कोचिंग हब में विशेष निगरानी शामिल है। इसके अलावा, आत्महत्या रोकने वाले उपकरणों का प्रचार और अभिभावकों के लिए जागरूकता सत्र जैसी पहलों को भी अनिवार्य किया गया है।
वेबसाइट का कार्यप्रणाली
ntf.education.gov.in पोर्टल पर छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और अन्य संबंधित पक्षों के लिए अलग-अलग सेक्शन बनाए गए हैं। यहां उपलब्ध ऑनलाइन प्रश्नावली भरकर अपनी राय और अनुभव साझा किए जा सकते हैं। टास्क फोर्स इन आंकड़ों का विश्लेषण करके अपनी अंतरिम रिपोर्ट सितंबर के अंत में सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी और साल के अंत तक अंतिम रिपोर्ट पेश करेगी।
सुरक्षित माहौल की दिशा में कदम
देश में 4.46 करोड़ छात्र उच्च शिक्षा संस्थानों में पंजीकृत हैं, और उनके मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा करना शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी है। टास्क फोर्स का उद्देश्य न केवल आत्महत्या की दर को कम करना है, बल्कि ऐसा माहौल बनाना है जहां छात्र आत्मविश्वास और सुरक्षा महसूस करें। इसके लिए शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों को मिलकर काम करना होगा।