छोरियां चली गांव: पहले एपिसोड में 11 लड़कियों की चुनौती और अनुभव
छोरियां चली गांव: बिमुलिया में पहली रात
छोरियां चली गांव: जीटीवी के रियलिटी शो 'छोरियां चली गांव' में 11 लड़कियां बिमुलिया गांव के विभिन्न घरों में पहुंच चुकी हैं। उनकी यात्रा अब शुरू हो चुकी है। पहले दिन की रात कैसे बीती, यह जानने के लिए जब रणविजय ने सभी को बुलाया, तो उन्होंने अपने अनुभव साझा किए। अंजुम को गुस्सा क्यों आया, यह भी जानें।
तीसरे एपिसोड की खास बातें
रियलिटी शो 'छोरियां चली गांव' के तीसरे एपिसोड में दिखाया गया कि 11 लड़कियों की पहली रात कैसे गुजरी। रमीत संधू को रातभर कॉकरोच का डर सताता रहा, जबकि अंजुम ने सारी रात सोने में कठिनाई महसूस की। रणविजय के सामने अंजुम का गुस्सा फूट पड़ा। अन्य प्रतियोगियों ने भी अपनी रात की चुनौतियों का सामना किया। सुबह उठते ही उन्हें चूल्हा जलाना, खाना बनाना और गोबर उठाने जैसे काम करने पड़े, जिनकी उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी।
रणविजय का पहला टास्क
दूसरे दिन की सुबह रणविजय ने सभी लड़कियों को पहला टास्क दिया। उन्हें गांव के विभिन्न घरों में जाकर गाय-भैंस का दूध निकालना सिखाने के लिए कहा गया। सभी ने अलग-अलग तरीके से यह काम किया। शाम को, 11 लड़कियों के बीच दूध निकालने की प्रतियोगिता हुई।
प्रतियोगिता के परिणाम
गांव के लोग एकत्र हुए और प्रतियोगिता शुरू हुई। कुछ लड़कियों ने 300 एमएल से लेकर 1 किलो दूध निकाला। अंजुम ने 1.5 किलो दूध निकालकर प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया। विजेता अंजुम को यह अधिकार मिला कि वह किसी एक सदस्य को नॉमिनेट कर सकती है। उसने अपनी रूम पार्टनर रमीत को नॉमिनेट किया और उसके सिर पर गोबर की बाल्टी उड़ेल दी।
आगे की चुनौतियां
रणविजय ने बताया कि हर दिन लड़कियों को नए टास्क दिए जाएंगे और एक लड़की को नॉमिनेट किया जाएगा। सप्ताह के अंत में नॉमिनेट की गई लड़कियां डेंजर जोन में होंगी। आने वाले एपिसोड में और भी ड्रामा और चुनौतियां देखने को मिलेंगी।