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ज़ुबीन गर्ग की मौत की जांच में सुरक्षाकर्मियों की गिरफ्तारी

गायक ज़ुबीन गर्ग की मौत की जांच में सुरक्षाकर्मियों की गिरफ्तारी हुई है। उनके चचेरे भाई की गिरफ्तारी के बाद, दो निजी सुरक्षा अधिकारियों को हिरासत में लिया गया है। गरिमा सैकिया गर्ग ने वित्तीय लेन-देन की जानकारी से अनभिज्ञता जताई है और न्याय की मांग की है। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है।
 

ज़ुबीन गर्ग की मौत की जांच में नया मोड़

गायक ज़ुबीन गर्ग की मृत्यु की जांच कर रही टीम ने शुक्रवार को उनके सुरक्षाकर्मियों को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी ज़ुबीन के चचेरे भाई संदीपन गर्ग की गिरफ्तारी के एक दिन बाद हुई। संदीपन असम पुलिस सेवा के अधिकारी थे और कामरूप जिले में तैनात थे। समाचार सूत्रों के अनुसार, आपराधिक जांच विभाग की विशेष जांच टीम ने दिवंगत गायक के दो निजी सुरक्षा अधिकारियों, नंदेश्वर बोरा और परेश बैश्य को हिरासत में लिया है। ये दोनों लंबे समय से ज़ुबीन के साथ काम कर रहे थे.


गिरफ्तारी और वित्तीय अनियमितताएँ

नंदेश्वर बोरा और परेश बैश्य को गुवाहाटी में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जा रहा है। इस सप्ताह की शुरुआत में वित्तीय अनियमितताओं के कारण दोनों को निलंबित किया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन सुरक्षा अधिकारियों ने पिछले चार से पांच वर्षों में 1 करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन किए हैं, जिसमें बोरा के खाते में 70 लाख रुपये और बैश्य के खाते में 40 लाख रुपये शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि ज़ुबीन ने इन पैसों का उपयोग गरीबों की मदद के लिए किया था।


गरिमा सैकिया गर्ग का बयान

ज़ुबीन की पत्नी, गरिमा सैकिया गर्ग ने कहा कि यह धनराशि सामाजिक कार्यों के लिए थी। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने अपने लेन-देन की डायरी और बैंक स्टेटमेंट बनाए थे। गरिमा ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें इन वित्तीय लेन-देन की जानकारी नहीं थी और अनुरोध किया कि इस मामले में पूछताछ अन्य जगहों पर की जाए।


ज़ुबीन की सुरक्षा और परिवार का दर्द

ये निजी सुरक्षा अधिकारी ज़ुबीन के साथ लगभग एक दशक से थे, जिन्हें प्रतिबंधित उग्रवादी समूह उल्फा द्वारा जान से मारने की धमकी मिलने के बाद असम पुलिस ने नियुक्त किया था। गरिमा ने ज़ुबीन की मृत्यु के दिन उनके साथ हुए व्यवहार पर दुख व्यक्त किया और सवाल उठाया कि उनके अंतिम क्षणों के वीडियो ऑनलाइन क्यों साझा किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जांच का मुख्य उद्देश्य ज़ुबीन की मौत के पीछे की सच्चाई का पता लगाना होना चाहिए।


न्याय की मांग

गरिमा और ज़ुबीन की बहन, पाल्मे बोरठाकुर, पिछले महीने सिंगापुर में ज़ुबीन की मौत की परिस्थितियों पर न्याय और स्पष्टता की मांग कर रही हैं.