जींद में पेयजल संकट: करोड़ों की योजनाएं बेकार, टैंकरों पर निर्भरता बढ़ी
जल जीवन मिशन योजना की विफलता
जींद के बधाना गांव में जल जीवन मिशन योजना का हाल बेहद खराब है। सरकार ने इस योजना के तहत करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन विभाग ने पिछले 10 दिनों से जलघर में लगी मोटर की जली केबल को नहीं बदला है। इस कारण गांव के लोग टैंकरों से पानी लेने को मजबूर हैं।
गांववासियों का बढ़ता आक्रोश
बधाना गांव के निवासी जैसे विकास, जोगिंद्र, कुलदीप, राजेश, हवा सिंह और मनबीर ने बताया कि जल जीवन मिशन योजना अब केवल एक मजाक बनकर रह गई है। पिछले 10 दिनों से पानी की सप्लाई न मिलने से गांव में हाहाकार मचा हुआ है।
विभाग ने मोटर की जली केबल को बदलने के बजाय टैंकरों से पानी भेजने का निर्णय लिया है। जब टैंकर आते हैं, तो गांव के लोग पानी भरने के लिए उमड़ पड़ते हैं, जिससे सरकार और विभाग के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है।
नहरी पानी की आपूर्ति में कमी
गांववासियों का कहना है कि विभाग ने नहरी पानी की आपूर्ति के लिए लाखों रुपये खर्च किए, लेकिन अब तक कोई परिणाम नहीं आया है। जलघर में नहरी पानी के टैंक भरे हुए हैं, लेकिन फिर भी सप्लाई नहीं दी जा रही है।
लोगों का आरोप है कि जलघर में रखी मोटरों का सही उपयोग नहीं किया जा रहा है, जिससे उनकी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।
जलापूर्ति विभाग की प्रतिक्रिया
जलापूर्ति विभाग के एक्सईएन भानू प्रकाश शर्मा ने बताया कि बधाना गांव में पेयजल की उपलब्धता को लेकर एसडीओ को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही मोटर की जली केबल को बदला जाएगा और पानी की सप्लाई सुचारू की जाएगी।