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ज्योति मल्होत्रा की केरल यात्रा: सरकारी खर्च पर विवाद और जासूसी के आरोप

ज्योति मल्होत्रा की केरल यात्रा ने विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें आरोप है कि उन्हें सरकारी खर्च पर बुलाया गया था। जासूसी के आरोपों में जेल में बंद ज्योति की यात्रा के खर्च का खुलासा RTI से हुआ है। क्या यह उचित था? भाजपा ने पारदर्शिता की मांग की है। कोर्ट में उनकी सुनवाई चल रही है, और समाज में इस मामले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।
 

ज्योति मल्होत्रा की केरल यात्रा का विवाद

ज्योति मल्होत्रा की केरल यात्रा: केरल सरकार से निमंत्रण और जासूसी के आरोपों का खुलासा: हिसार की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का मामला हाल ही में चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्हें जासूसी के आरोपों में जेल में रखा गया है, जबकि केरल सरकार ने उनकी यात्रा के लिए विशेष व्यवस्था की थी।


भाजपा नेताओं ने RTI के माध्यम से जानकारी दी है कि इस यात्रा का पूरा खर्च केरल सरकार ने उठाया। इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए, इस विवाद की गहराई में जाते हैं।


केरल सरकार का निमंत्रण और यात्रा का खर्च

ज्योति मल्होत्रा, जो 'ट्रैवल विद जो' नामक यूट्यूब चैनल चलाती हैं, को केरल सरकार ने पर्यटन प्रचार के लिए आमंत्रित किया था। RTI से यह स्पष्ट हुआ कि उनकी यात्रा का पूरा खर्च सरकार ने वहन किया। उन्होंने केरल के विभिन्न पर्यटन स्थलों का दौरा किया और महंगी हाउसबोट में ठहरीं।


ज्योति ने अपनी यात्रा के वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए, जिनमें ट्रेन यात्रा भी शामिल थी। यह जानकारी तब सामने आई जब वह जासूसी के आरोपों में हिसार की केंद्रीय जेल में बंद थीं। भाजपा नेताओं ने इस यात्रा पर सवाल उठाते हुए पारदर्शिता की मांग की है।


कोर्ट में सुनवाई और जमानत की संभावनाएं

ज्योति मल्होत्रा की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 21 जुलाई तक बढ़ा दिया है। उन पर आधिकारिक रहस्य अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के संपर्क में थीं।


ज्योति के वकील ने बताया कि जल्द ही नई जमानत याचिका दायर की जाएगी। उनकी गिरफ्तारी 17 मई को हुई थी, और उनके लैपटॉप से 14 टीबी डेटा बरामद किया गया है। यह मामला अभी जांच के चरण में है, और अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी।


समाज की जिम्मेदारी और सवालों का घेरा

ज्योति मल्होत्रा की केरल यात्रा का मामला कई महत्वपूर्ण सवाल उठाता है। क्या एक यूट्यूबर को सरकारी खर्च पर बुलाना उचित था? भाजपा का आरोप है कि इस यात्रा के पीछे गहरे राज छिपे हैं। पुलिस जांच अभी जारी है, लेकिन बिना ठोस सबूतों के किसी को दोषी ठहराना गलत है।


समाज को चाहिए कि वह इस मामले में निष्पक्ष रुख अपनाए। ज्योति के समर्थक उनके निर्दोष होने का दावा कर रहे हैं। कोर्ट और पुलिस को पारदर्शी जांच करनी होगी। यह मामला न केवल ज्योति के भविष्य, बल्कि सरकारी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता से भी जुड़ा है।