ज्योति मल्होत्रा जासूसी मामले में गंभीर आरोप, जांच में क्या सामने आया?
ज्योति मल्होत्रा केस: जासूसी के आरोपों की गहराई
ज्योति मल्होत्रा जासूसी मामले ने हरियाणा में हलचल मचा दी है। हिसार की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की न्यायिक हिरासत को अदालत ने 14 दिन के लिए बढ़ा दिया है।
अगली सुनवाई 21 जुलाई 2025 को होगी। ज्योति को जासूसी के संदेह में 17 मई को गिरफ्तार किया गया था। उनके वकील जल्द ही जमानत याचिका दायर करने की योजना बना रहे हैं। आइए, इस मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं।
गिरफ्तारी और जासूसी के आरोप
ज्योति मल्होत्रा, जो 'ट्रैवल विद जो' नामक यूट्यूब चैनल चलाती हैं, को हिसार पुलिस ने 17 मई 2025 को गिरफ्तार किया। उन पर आधिकारिक रहस्य अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस का कहना है कि ज्योति नवंबर 2023 से पाकिस्तानी उच्चायोग के एक कर्मचारी एहसान-उर-रहीम, जिसे दानिश के नाम से भी जाना जाता है, के संपर्क में थीं। दानिश को 13 मई को जासूसी के आरोप में भारत से निष्कासित किया गया था।
पुलिस का दावा है कि ज्योति को पाकिस्तानी खुफिया एजेंट द्वारा एक एसेट के रूप में तैयार किया जा रहा था।
हालांकि, उनके पास सैन्य जानकारी होने का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है। ज्योति के लैपटॉप से 14 टीबी डेटा बरामद किया गया है, जिसका विश्लेषण अभी जारी है। यह मामला सोशल मीडिया पर काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।
कोर्ट की कार्रवाई और जमानत की संभावनाएं
ज्योति मल्होत्रा की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। सिविल जज सुनील कुमार की अदालत ने उनकी हिरासत को 21 जुलाई तक बढ़ा दिया। इससे पहले 9 जून को उनकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी थी। पुलिस ने जमानत का विरोध करते हुए जांच जारी होने का हवाला दिया।
ज्योति के वकील कुमार मुकेश ने बताया कि वे जल्द ही नई जमानत याचिका दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि ज्योति को केरल सरकार और रेलवे से प्रचार के लिए स्पॉन्सरशिप मिली थी, जो उनके पक्ष में है। ज्योति की गिरफ्तारी के बाद से यह मामला लगातार सुर्खियों में है।
समाज और जांच की आवश्यकता
ज्योति मल्होत्रा जासूसी का यह मामला कई सवाल खड़े करता है। क्या एक यूट्यूबर पर इतने गंभीर आरोप सही हैं? पुलिस की जांच की पारदर्शिता पर भी सवाल उठ रहे हैं। समाज को चाहिए कि वह बिना ठोस सबूतों के किसी को दोषी न माने।
पुलिस को इस मामले की गहन और निष्पक्ष जांच करनी होगी। ज्योति के समर्थक उनके निर्दोष होने का दावा कर रहे हैं। अदालत की अगली सुनवाई इस मामले में नया मोड़ ला सकती है। यह घटना हमें जागरूकता और निष्पक्षता की अहमियत सिखाती है।