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तमिल सिनेमा को बड़ा झटका: डायरेक्टर विक्रम सुगुमारन का निधन

तमिल फिल्म इंडस्ट्री को एक बड़ा झटका लगा है, जब प्रसिद्ध निर्देशक और अभिनेता विक्रम सुगुमारन का 2 जून को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। मदुरै से चेन्नई की यात्रा के दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उनके निधन से साउथ फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। कई कलाकारों ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं। विक्रम ने सच्ची कहानियों को पर्दे पर लाने के लिए जाना जाता था और उनकी फिल्मों ने दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई।
 

विक्रम सुगुमारन का निधन


नई दिल्ली: विक्रम सुगुमारन का निधन: तमिल फिल्म उद्योग से एक दुखद समाचार आया है। प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक और अभिनेता विक्रम सुगुमारन का 2 जून को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।


बस यात्रा के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ी

रिपोर्टों के अनुसार, वह मदुरै से चेन्नई की ओर बस में यात्रा कर रहे थे, जब अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई। उन्हें मदद मिलने से पहले ही उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग में शोक की लहर दौड़ गई है।


साथियों की भावुक प्रतिक्रियाएं

विक्रम के निधन की खबर सुनकर उनके साथ काम कर चुके कई कलाकार भावुक हो गए। अभिनेता शांथनु भगनराज ने सोशल मीडिया पर विक्रम के साथ अपनी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा: “#Rip प्यारे भाई @VikramSugumara3… मैंने आपसे बहुत कुछ सीखा है और आपके साथ बिताया हर पल याद रहेगा। आपकी बहुत याद आएगी।”


अभिनेता कायल देवराज ने भी अपनी प्रतिक्रिया में लिखा: “2 जून, इस खबर पर यकीन नहीं हो रहा। डायरेक्टर और अभिनेता विक्रम सुगुमारन का मदुरै से चेन्नई आते समय बस में अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।”


सच्ची कहानियों के लिए जाने जाते थे विक्रम

विक्रम सुगुमारन एक ऐसे निर्देशक थे जो वास्तविक और जमीन से जुड़ी कहानियों को पर्दे पर लाने के लिए प्रसिद्ध थे। तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के परामक्कुडी से ताल्लुक रखने वाले विक्रम ने बचपन से ही फिल्मों में काम करने का सपना देखा और इसी जुनून के साथ चेन्नई पहुंचे।


फिल्मों में योगदान

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत दिग्गज फिल्ममेकर बालू महेंद्र के साथ की। 1999-2000 के बीच उन्होंने कई शॉर्ट फिल्मों में सहायक निर्देशक के रूप में काम किया और 'जूली गणपति' जैसी फिल्मों में भी योगदान दिया।


विक्रम ने डायरेक्टर वेत्रिमारन की सुपरहिट फिल्म 'पोल्लाधवन' से अभिनय की दुनिया में कदम रखा। इसके बाद उन्होंने शशिकुमार की फिल्म 'कोडिवीरन' में भी अभिनय किया।


पहली फिल्म ‘मधा यानई कूट्टम’

वर्ष 2013 में उन्होंने निर्देशक के रूप में अपनी पहली फिल्म ‘मधा यानई कूट्टम’ बनाई, जो एक ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित थी। इस फिल्म को इसके यथार्थवादी दृष्टिकोण और गांव की सच्ची झलक के लिए सराहा गया।


साल 2023 में आई उनकी फिल्म ‘रावण कोट्टम’ में शांथनु, आनंदी, प्रभु और इलावरसु जैसे सितारे थे, लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर खास सफलता नहीं प्राप्त कर सकी। उनकी अंतिम फिल्म ‘थेरुम बोरुम’ थी, जो पहाड़ों पर चढ़ाई जैसे अनछुए विषय पर आधारित थी।


तमिल फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी क्षति

विक्रम सुगुमारन भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उन्होंने जो कहानियां पर्दे पर उतारीं, वे हमेशा तमिल सिनेमा के इतिहास का हिस्सा रहेंगी। उनका जाना तमिल फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी क्षति है।