×

तुषार कपूर: बॉलीवुड में कॉमिक टाइमिंग के मास्टर

तुषार कपूर, बॉलीवुड के एक प्रसिद्ध अभिनेता, ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। 'गोलमाल' में उनके बिना संवाद के किरदार ने उन्हें एक नई पहचान दिलाई। इस लेख में हम उनके संघर्ष, सफलता और निजी जीवन के बारे में जानेंगे। तुषार का सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे एक अभिनेता ने अपने हौसले से मुश्किलों का सामना किया और सफलता की ऊंचाइयों को छुआ।
 

तुषार कपूर का फिल्मी सफर

बॉलीवुड में कुछ कलाकार ऐसे होते हैं जो एक विशेष भूमिका के माध्यम से दर्शकों के दिलों में स्थायी स्थान बना लेते हैं। तुषार कपूर भी ऐसे ही एक अभिनेता हैं।


हालांकि फिल्म उद्योग में उनका परिचय नया नहीं था, लेकिन उनका सफर आसान नहीं रहा। उन्होंने शुरुआत में हीरो के रूप में कई प्रयास किए, जिनमें से कुछ फिल्में सफल रहीं जबकि अन्य असफल रहीं। लेकिन जब उन्होंने 'गोलमाल' में बिना संवाद के 'लकी' का किरदार निभाया, तो उनकी कॉमिक टाइमिंग और चेहरे के भावों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस भूमिका ने उन्हें उन चुनिंदा कलाकारों में शामिल कर दिया, जिन्होंने बिना बोले भी अपनी पहचान बनाई।


प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

तुषार कपूर का जन्म 20 नवंबर 1976 को मुंबई में हुआ। वे प्रसिद्ध अभिनेता जितेंद्र और निर्माता शोभा कपूर के पुत्र हैं। उनका बचपन पूरी तरह से फिल्मी माहौल में बीता, लेकिन पढ़ाई पर भी ध्यान दिया गया। उन्होंने मुंबई के स्कूलों में शिक्षा प्राप्त की और फिर अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय से अपनी उच्च शिक्षा पूरी की। विदेश से लौटने के बाद, उन्होंने अभिनय का मार्ग चुना और अपने कौशल को निखारने के लिए प्रशिक्षण लिया।


बॉलीवुड में कदम

तुषार कपूर ने 2001 में करीना कपूर के साथ 'मुझे कुछ कहना है' फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही और उन्हें 'बेस्ट डेब्यू' के लिए पहला फिल्मफेयर अवार्ड मिला। यह किसी नए अभिनेता के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्में की, जैसे 'क्या दिल ने कहा', 'कुछ तो है', और 'जीना सिर्फ मेरे लिए', लेकिन इनमें से अधिकांश ने अपेक्षित सफलता नहीं पाई।


सफलता की कहानी

बड़े स्टार परिवार से होने के बावजूद, लगातार असफलताओं ने तुषार के करियर को प्रभावित किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। लगभग पांच साल के संघर्ष के बाद, 2006 में रोहित शेट्टी ने उन्हें 'गोलमाल' में 'लकी' के किरदार के लिए चुना। यह भूमिका चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि इसमें कोई संवाद नहीं था, केवल चेहरे के हाव-भाव थे। तुषार ने इसे इतनी कुशलता से निभाया कि दर्शक थिएटर में सीटियां बजाने लगे।


मल्टीस्टारर फिल्मों में योगदान

तुषार ने कई मल्टीस्टारर फिल्मों में भी काम किया, जैसे 'खाकी', 'शूटआउट एट वडाला', 'द डर्टी पिक्चर', और 'क्या सुपर कूल हैं हम', जहां उनकी कॉमिक टाइमिंग की सराहना की गई। हालांकि, बतौर लीड अभिनेता उन्हें वह सफलता नहीं मिली, जिसकी उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।


निर्माता के रूप में कदम

समय के साथ, तुषार ने निर्माता के रूप में भी कदम रखा और अक्षय कुमार की फिल्म 'लक्ष्मी' का निर्माण किया।


निजी जीवन

तुषार की निजी जिंदगी भी दिलचस्प है। उन्होंने बिना शादी किए आईवीएफ के माध्यम से बेटे लक्ष्य का स्वागत किया और बॉलीवुड के पहले सिंगल फादर्स में से एक बन गए।