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दिलजीत दोसांझ की फिल्म 'सरदार जी 3' पर FWICE का बैन लगाने का दबाव

दिलजीत दोसांझ की नई फिल्म 'सरदार जी 3' को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। FWICE ने फिल्म में पाकिस्तानी अभिनेत्री हानिया आमिर की उपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए बैन लगाने की मांग की है। संगठन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए सरकार को पत्र लिखा है, जिसमें फिल्म के निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई की अपील की गई है। दिलजीत ने इस विवाद पर अपनी सफाई दी है, लेकिन FWICE का मानना है कि इस समय ऐसी फिल्में राष्ट्र की भावना को ठेस पहुंचा सकती हैं। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है।
 

FWICE की बैन की मांग

दिलजीत दोसांझ की फिल्म 'सरदार जी 3' विवादों में: पंजाबी और बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता दिलजीत दोसांझ इन दिनों अपनी नई फिल्म 'सरदार जी 3' के कारण चर्चा में हैं। फिल्म के ट्रेलर में पाकिस्तानी अभिनेत्री हानिया आमिर की उपस्थिति ने विरोध को जन्म दिया है। इस पर फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने न केवल नाराजगी जताई है, बल्कि दिलजीत और फिल्म के अन्य निर्माताओं पर बैन लगाने की मांग भी की है।


FWICE की कड़ी कार्रवाई की अपील

FWICE ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, विदेश मंत्री और दूरसंचार मंत्रालय को पत्र लिखा है। इस पत्र में FWICE ने दिलजीत दोसांझ, गुनबीर सिंह सिंधू, मनमोर्ड सिंधू और निर्देशक अमर हुंदल के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की है। संगठन ने इनकी पासपोर्ट रद्द करने और भारतीय नागरिकता से जुड़े विशेषाधिकार वापस लेने की भी अपील की है। यह विवाद हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद और भी बढ़ गया है, जिससे भारत ने पाकिस्तान के प्रति अपना रुख सख्त कर लिया है। ऐसे समय में किसी पाकिस्तानी कलाकार का भारतीय फिल्म में होना देशवासियों को अस्वीकार्य लग रहा है।


दिलजीत दोसांझ का स्पष्टीकरण

दिलजीत का बयान:

इस विवाद के बीच, दिलजीत दोसांझ ने सोशल मीडिया पर हानिया आमिर के साथ एक तस्वीर साझा करते हुए सफाई दी है। उन्होंने कहा, “देश में युद्ध चल रहा है, लेकिन इन चीजों पर हमारा नियंत्रण नहीं होता। संगीत एक ऐसा माध्यम है जो लोगों को एकजुट करता है। मुझे गर्व है कि मैं ऐसी चीज से जुड़ा हूं जो प्रेम फैलाती है। हमें सीमाओं से ऊपर उठकर वैश्विक एकता की ओर देखना चाहिए।” हालांकि, FWICE इस तर्क से सहमत नहीं है और उनका मानना है कि जब देश का माहौल संवेदनशील है, तब ऐसी फिल्में राष्ट्र की भावना को ठेस पहुंचा सकती हैं।


FWICE की मांग पर प्रतिक्रिया