दिल्ली उच्च न्यायालय ने ऋतिक रोशन के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा की
दिल्ली उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को बॉलीवुड अभिनेता ऋतिक रोशन को एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान की, उनके व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा करते हुए। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने कई इंटरनेट और ई-कॉमर्स साइटों पर ऐसे लिंक और लिस्टिंग हटाने का आदेश दिया, जो कथित तौर पर 'वॉर 2' के अभिनेता के अधिकारों का उल्लंघन कर रहे थे।
अदालत का आदेश और फैन क्लबों की स्थिति
अदालत ने अभिनेता के इंस्टाग्राम पेजों और फैन क्लबों को एकतरफा राहत देने से इनकार कर दिया, जिन्होंने उनके चित्रों और आवाज़ के अनधिकृत उपयोग के खिलाफ सुरक्षा की मांग की थी।
ऋतिक रोशन के अधिकारों की सुरक्षा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने ऋतिक रोशन के व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की रक्षा करते हुए कुछ आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि वह कुछ फैन पेजों को हटाने का कोई एकतरफा निर्देश नहीं दे रहे हैं और आदेश पारित करने से पहले सभी पक्षों की सुनवाई करेंगे।
मामले की अगली सुनवाई
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च, 2026 के लिए निर्धारित की है, और कहा कि वह बाद में एक विस्तृत अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश पारित करेगी। रोशन ने अदालत में याचिका दायर की है, जिसमें उनके नाम, चित्रों और एआई-जनित अनुचित सामग्री के अवैध उपयोग को रोकने की मांग की गई है।
अन्य हस्तियों की याचिकाएँ
हाल ही में, बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन, उनके पति अभिषेक बच्चन, फिल्म निर्माता करण जौहर, तेलुगु अभिनेता अक्किनेनी नागार्जुन, 'आर्ट ऑफ लिविंग' के संस्थापक श्री श्री रविशंकर और पत्रकार सुधीर चौधरी ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। गायक कुमार सानू की भी इसी तरह की याचिका अदालत में लंबित है।
व्यक्तित्व अधिकारों का महत्व
प्रचार का अधिकार, जिसे व्यक्तित्व अधिकार के रूप में जाना जाता है, किसी व्यक्ति की छवि, नाम या समानता की रक्षा करने, उसे नियंत्रित करने और उससे लाभ प्राप्त करने का अधिकार है।