दिल्ली-एनसीआर में बाढ़: यमुना का जलस्तर बढ़ा, नोएडा में हालात गंभीर
दिल्ली-एनसीआर में बाढ़ की स्थिति
दिल्ली-एनसीआर बाढ़: दिल्ली और उसके आसपास की क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश ने यमुना नदी के जलस्तर को खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा दिया है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण नोएडा के कई इलाके, विशेषकर सेक्टर-135 और सेक्टर-151, बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। इन क्षेत्रों में पानी 3 से 4 फीट तक भर गया है, जिससे स्थानीय जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
शुक्रवार की सुबह 7 बजे सिग्नेचर ब्रिज के पास यमुना का जलस्तर 206 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से अधिक है। दिल्ली में यमुना का चेतावनी स्तर 204.5 मीटर है, और जब जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है, तो प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर देता है। नोएडा के सेक्टर-135 और सेक्टर-151 में यमुना का पानी सड़कों और कॉलोनियों में घुस गया है, जिससे निवासियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ड्रोन द्वारा ली गई तस्वीरों में इन क्षेत्रों की सड़कें और खेत पूरी तरह जलमग्न दिखाई दे रहे हैं।
बाढ़ का वार्षिक संकट: यमुना की स्थिति
हर साल यमुना नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है, जो कम, मध्यम या उच्च तीव्रता की हो सकती है। कम तीव्रता वाली बाढ़ तब होती है जब जलस्तर 204.22 मीटर से नीचे रहता है, जिससे जान-माल को कोई बड़ा खतरा नहीं होता। लेकिन इस बार जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने से स्थिति गंभीर हो गई है। नोएडा के सेक्टर-135 में लगभग 5000 फार्महाउस जलमग्न हो गए हैं, जिससे निवासियों और किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
नोएडा में बिगड़ते हालात
सेक्टर-135 में एक गौशाला आंशिक रूप से जलमग्न हो गई है, और नंगली वाजिदपुर के ग्रामीणों ने अपने मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। स्थानीय किसान रमेश कुमार ने अपनी स्थिति साझा करते हुए कहा, "हमें अपने खेत छोड़कर मवेशियों को गौशाला में ले जाना पड़ा। यह मुश्किल तो है, लेकिन पुश्ता के पास पानी बढ़ रहा था, और हम जानवरों को खतरे में नहीं डाल सकते थे।" बाढ़ के कारण कई परिवार अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं, और प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है।