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दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति, AQI 450 के पार

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है, जहां AQI कई क्षेत्रों में 450 के पार पहुंच गया है। ग्रेप चरण-तीन लागू होने के बावजूद, प्रदूषण नियंत्रण में जिम्मेदार एजेंसियों की नाकामी साफ नजर आ रही है। जानें इस संकट के कारण और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में।
 

दिल्ली में प्रदूषण का संकट

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर अत्यधिक खतरनाक हो गया है, जिससे सांस लेना कठिन हो रहा है। इस स्थिति को देखते हुए ग्रेप (GRAP) चरण-तीन को लागू किया गया है, लेकिन जिम्मेदार एजेंसियों की ओर से नियमों का प्रभावी कार्यान्वयन नहीं हो पा रहा है।


केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, गुरुवार सुबह सात बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 407 दर्ज किया गया, जो कि 'गंभीर' श्रेणी में आता है। कई क्षेत्रों में AQI 400 के पार पहुंच गया है। इंडिया गेट और कर्तव्य पथ के आसपास घनी जहरीली धुंध छाई रही। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, इस क्षेत्र का AQI 'बेहद खराब' श्रेणी में 396 दर्ज किया गया।


दिल्ली-एनसीआर में तीसरे दिन भी जहरीली हवा के कारण सांस लेने में कठिनाई हो रही है; दरियागंज में AQI 455, आनंद विहार में 431, अलीपुर में 418, बुराड़ी में 433, बवाना में 460, चांदनी चौक में 456, द्वारका में 401, आईटीओ में 438 और जहांगीरपुरी में 447 दर्ज किया गया। नोएडा का AQI 366, गाजियाबाद का 409 और गुरुग्राम का 388 रहा। बुधवार को दिल्ली का औसत AQI 418 था। लगातार दूसरे दिन दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित शहर बना रहा, जबकि नोएडा दूसरे स्थान पर रहा।


राजधानी के कई क्षेत्रों में कूड़े में आग लगाना, खुले में निर्माण सामग्री रखना, निजी निर्माण कार्य और कोयले पर चलने वाले तंदूरों का उपयोग आम हो गया है। नॉन-कन्फर्मिंग क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों में डीजल जेनरेटर भी चालू हैं। टूटी सड़कों, धूल भरे फुटपाथों और जगह-जगह पड़े मलबे ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है।