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धर्मेंद्र की संघर्ष गाथा: कैसे बने बॉलीवुड के ही-मैन?

धर्मेंद्र, बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता, ने अपने करियर में कई ऊंचाइयों को छुआ है, लेकिन उनके जीवन में संघर्ष की एक लंबी कहानी भी है। आर्थिक तंगी और कठिनाइयों का सामना करते हुए, उन्होंने अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत की। इस लेख में जानें कैसे धर्मेंद्र ने फिल्मफेयर प्रतियोगिता के जरिए मुंबई में कदम रखा और अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए सफलता की सीढ़ी चढ़ी। उनकी कहानी नए कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
 

धर्मेंद्र का संघर्ष और सफलता


मुंबई: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने अपने करियर में कई ऊंचाइयों को छुआ है, लेकिन उनके जीवन में कठिनाइयों का भी एक लंबा सफर रहा है। उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में आर्थिक संकट का सामना किया, जब वे मुंबई में अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। सनी देओल के पिता और बॉलीवुड के इस महानायक ने अपने संघर्ष के बारे में कई बार खुलकर बात की है।


धर्मेंद्र का मुंबई आना एक बड़ा सपना था, लेकिन इसे पूरा करना आसान नहीं था। उन्होंने बताया कि उनके पास न केवल खाने के लिए पर्याप्त नहीं था, बल्कि रहने की जगह भी सीमित थी। उन्होंने और उनके एक मित्र ने रेलवे क्वार्टर की बालकनी किराए पर ली थी, जहां वे रात बिताते थे। कई बार उन्हें भूखे सोकर गुजारना पड़ा।


फिल्मफेयर प्रतियोगिता से मिली शुरुआत

धर्मेंद्र को मुंबई में पहला मौका फिल्मफेयर प्रतियोगिता के जरिए मिला। इस प्रतियोगिता में उनका चयन हुआ, जिसके बाद उन्होंने मुंबई का रुख किया। हालांकि, पैसों की कमी और कठिनाइयों के कारण उन्हें हर दिन संघर्ष करना पड़ा। उनके संघर्ष के दिनों में सुनील दत्त जैसे सीनियर कलाकारों ने उनकी मदद की। धर्मेंद्र ने शत्रुघ्न सिन्हा के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि यह समय उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।


पुराने दिनों की यादें

धर्मेंद्र ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि कई बार उन्हें खाने के लिए कुछ नहीं मिलता था, लेकिन उन्होंने अपने सपने को जीवित रखा। उन्होंने बताया कि वह और उनका दोस्त कई रातें भूखे सोते थे। मुंबई में संघर्ष करते हुए उन्हें इंडस्ट्री के कड़े नियमों और प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। उनके संघर्ष के दिनों में सेट पर कई कठिन परिस्थितियां भी थीं। धर्मेंद्र ने कहा कि मनोज कुमार जैसे बड़े सितारों के साथ काम करना भी चुनौतीपूर्ण था, खासकर जब उन्होंने हेमा मालिनी से शादी की।


बॉलीवुड में पहला ब्रेक

लगभग एक साल की मेहनत और संघर्ष के बाद, धर्मेंद्र को 1960 में अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' से बॉलीवुड में डेब्यू करने का मौका मिला। इस फिल्म के बाद उनका जीवन धीरे-धीरे बेहतर होने लगा और उन्होंने बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई। धर्मेंद्र का संघर्ष यह दर्शाता है कि सफलता एक रात में नहीं मिलती। उनकी मेहनत, धैर्य और हिम्मत ने उन्हें बॉलीवुड का 'ही-मैन' बना दिया। उनके शुरुआती संघर्ष की कहानी आज भी नए कलाकारों और फैंस के लिए प्रेरणा का स्रोत है।