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धर्मेंद्र की संपत्ति विवाद: क्या ईशा और आहना को मिलेगा हिस्सा?

धर्मेंद्र की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। उनकी दो शादियों के कारण संपत्ति का बंटवारा एक जटिल मुद्दा बन गया है। क्या ईशा और आहना को उनके पिता की संपत्ति में हिस्सा मिलेगा? जानें इस मामले में कानूनी पहलू और बच्चों के अधिकारों के बारे में।
 

धर्मेंद्र की संपत्ति पर चर्चा


मुंबई: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। धर्मेंद्र की जीवन की सबसे महत्वपूर्ण बातों में उनकी दो शादियां शामिल हैं - पहली शादी प्रकाश कौर से और दूसरी शादी हेमा मालिनी से। चूंकि दूसरी शादी हिंदू मैरिज एक्ट के तहत मान्य नहीं है, यह सवाल उठता है कि उनकी संपत्ति का बंटवारा कैसे होगा, खासकर उनकी दोनों पत्नियों और छह बच्चों के बीच। इस विषय पर एडवोकेट कमलेश कुमार मिश्रा ने कानूनी पहलुओं को स्पष्ट किया।


अमान्य विवाह से उत्पन्न बच्चों के अधिकार

एडवोकेट कमलेश कुमार मिश्रा के अनुसार, धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की बेटियां, ईशा देओल और आहना देओल, भी इसी श्रेणी में आती हैं। अदालत के निर्णय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस स्थिति में बच्चों का पैतृक संपत्ति पर अधिकार होगा या नहीं।


क्या ईशा और आहना को संपत्ति मिलेगी?

धर्मेंद्र की दूसरी शादी को हिंदू मैरिज एक्ट के तहत अमान्य माना गया है, क्योंकि उनकी पहली शादी प्रकाश कौर से हुई थी। हालांकि, धारा 16(1) के तहत, ईशा और आहना को अपने माता-पिता के संबंध में वैध संतान का दर्जा प्राप्त है। इसका मतलब है कि कानून उन्हें नाजायज नहीं मानता।


संपत्ति के अधिकार की सीमाएं

धारा 16(3) के अनुसार, वैध संतान का यह दर्जा उन्हें हिंदू संयुक्त परिवार की सहदायिक संपत्ति में हिस्सा नहीं देता। उनके अधिकार केवल माता-पिता की संपत्ति तक सीमित होते हैं, न कि अन्य रिश्तेदारों की संपत्ति तक।


पैतृक संपत्ति पर हिस्सेदारी का तरीका

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, यदि कोई हिंदू पुरुष सहदायिक है, तो उसकी मृत्यु के समय 'काल्पनिक बंटवारा' माना जाएगा। धारा 6(3) के तहत यह माना जाता है कि मृत्यु से ठीक पहले संयुक्त संपत्ति का नोशनल पार्टीशन हो चुका है। इस काल्पनिक बंटवारे से जो हिस्सा धर्मेंद्र को मिलता, वही उनकी व्यक्तिगत संपत्ति मानी जाएगी।


बिना वसीयत के हिस्सा किसे मिलेगा?

HSA की धारा 8 और 10 के अनुसार, यह हिस्सा उनके सभी Class-1 heirs में बराबर बंटेगा। धारा 16(1) के तहत वैधता पाए बच्चे, ईशा और आहना, HSA की धारा 10 के तहत बेटे-बेटियों की तरह ही माने जाएंगे, यानी उन्हें बराबर का हिस्सा मिलेगा।