धर्मेंद्र के निधन के बाद सांसद पेंशन का कानूनी विवाद
धर्मेंद्र का निधन और पेंशन का सवाल
मुंबई: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और पूर्व सांसद धर्मेंद्र के निधन की खबर ने पूरे देश को शोक में डाल दिया है। उन्होंने न केवल अपने फिल्मी करियर में बल्कि राजनीति में भी महत्वपूर्ण पहचान बनाई। उनके निधन के बाद, फैंस उन्हें याद कर रहे हैं, लेकिन एक कानूनी मुद्दा भी चर्चा का विषय बन गया है कि उनकी सांसद पेंशन किसे मिलेगी - उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर को या दूसरी पत्नी हेमा मालिनी को। यह मामला केवल भावनाओं का नहीं, बल्कि कानूनी पहलुओं से भी जुड़ा है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
धर्मेंद्र की शादी और कानूनी स्थिति
धर्मेंद्र की निजी जिंदगी हमेशा से चर्चा में रही है। उनकी पहली शादी 1954 में प्रकाश कौर से हुई थी, जिससे उनके चार बच्चे हैं। इसके बाद, हेमा मालिनी के साथ उनके रिश्ते ने काफी ध्यान आकर्षित किया और दोनों ने विवाह कर लिया। कहा जाता है कि धर्मेंद्र ने दूसरी शादी के लिए अपना धर्म बदला ताकि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत बहुविवाह किया जा सके। यही कारण है कि यह सवाल उठ रहा है कि कौन सी पत्नी कानूनी रूप से मान्य है।
धर्मेंद्र की दूसरी शादी का कानूनी पहलू
क्यों अवैध मानी जाती है धर्मेंद्र की दूसरी शादी?
भारत में हिंदू विवाह अधिनियम के अनुसार, पहली पत्नी के जीवित रहते बिना तलाक लिए दूसरी शादी अवैध मानी जाती है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति बिना तलाक के दोबारा शादी करता है, तो दूसरी शादी को कानूनी मान्यता नहीं मिलती। इस स्थिति में पहली पत्नी ही वैध जीवनसाथी मानी जाती है। यही नियम सांसद पेंशन पर भी लागू होता है।
सांसद पेंशन का वितरण
किसे मिलती है सांसद पेंशन?
सांसद की पेंशन देने के नियम स्पष्ट हैं। यदि सांसद का निधन हो जाता है, तो पेंशन उसकी वैध पत्नी को दी जाती है। वैध पत्नी का मतलब है वह पत्नी जिसके साथ विवाह कानूनी रूप से मान्य हो। धर्मेंद्र के मामले में, उनकी पहली शादी हिंदू विवाह अधिनियम के तहत वैध थी और दूसरी शादी के लिए तलाक नहीं हुआ था। इस आधार पर प्रकाश कौर को ही वैध पत्नी माना जाता है।
क्या दोनों पत्नियों को पेंशन मिल सकती है?
क्या दोनों पत्नियों को पेंशन मिल सकती है?
कानून में एक प्रावधान है जिसके तहत दो पत्नियों को पेंशन मिल सकती है। CCS पेंशन रूल्स 2021 के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की दो पत्नियां कानूनी रूप से वैध हों, तो पेंशन दोनों के बीच बराबर बांटी जाती है। यह तभी संभव है जब पहली पत्नी से तलाक लेकर दूसरी शादी की गई हो या दोनों विवाह क्रमशः कानून के अनुसार वैध माने जाते हों। ऐसी स्थिति में बच्चों को भी पेंशन में हिस्सा दिया जा सकता है।
धर्मेंद्र के मामले में स्थिति स्पष्ट है। उनकी पहली शादी पूरी तरह वैध थी। दूसरी शादी धर्म परिवर्तन के बाद हुई, लेकिन हिंदू विवाह अधिनियम के अनुसार यह तभी वैध होती जब पहली पत्नी को तलाक दिया गया होता। ऐसा नहीं हुआ। इसलिए कानूनी तौर पर उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर ही उनकी वैध पत्नी मानी जाती हैं। इसी आधार पर पेंशन का अधिकार भी उन्हीं को मिलता है।