नींबू और पपीते की खेती से किसानों की बढ़ती आय
नींबू-पपीता खेती की सफलता की कहानी
नींबू-पपीता खेती से किसानों की कमाई: झारखंड के खूंटी और ओरमांझी क्षेत्र के किसान नींबू के साथ पपीते की खेती कर शानदार लाभ कमा रहे हैं। यहां के किसान निलेश हर महीने पपीते से लगभग 15,000 रुपये की अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे हैं।
खाली जगह का उपयोग
नींबू के बीच पपीते की खेती
इन क्षेत्रों में नींबू की खेती बड़े पैमाने पर होती है। नींबू के पौधों के बीच थोड़ी जगह बचती है, जिसका उपयोग किसान पपीते के पौधे लगाने के लिए करते हैं।
नींबू की देखभाल के समान, पपीते की भी नियमित देखभाल की जाती है, जिससे एक ही खेत में दो फसलों से आय होती है।
डबल फसल का लाभ
दो फसलों से अधिक लाभ
किसान निलेश का कहना है कि पपीते की खेती में कोई अतिरिक्त मेहनत नहीं लगती।
कच्चे और पके पपीते की बाजार में सालभर मांग रहती है, जबकि नींबू भी 12 महीने बिकता है।
इस प्रकार, किसान हर महीने 10,000 से 15,000 रुपये आसानी से कमा लेते हैं।
देखभाल की सरलता
नींबू और पपीते की देखभाल
नींबू को हफ्ते में एक बार खाद की आवश्यकता होती है, जबकि पपीते को रोजाना थोड़ी खाद और पानी चाहिए।
पानी का प्रवाह पपीते की जड़ों तक पहुंचाना आवश्यक है। सुबह-शाम लिक्विड खाद मिला पानी देना पर्याप्त है।
बोनस कमाई का स्रोत
अतिरिक्त आय का जरिया
निलेश बताते हैं कि उनकी मुख्य आय नींबू से होती है, लेकिन पपीता उनके लिए एक शानदार बोनस है।
नींबू के साथ लगभग 50 पपीते के पौधे लगाकर वे महीने में 15,000 रुपये तक कमा लेते हैं, जिससे घर के कई जरूरी खर्च पूरे हो जाते हैं और खेती और अधिक लाभदायक बन जाती है।