नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बीच भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर चिंता
नेपाल में जारी हिंसक प्रदर्शन
नेपाल में प्रदर्शनों की स्थिति: नेपाल में हो रहे लगातार हिंसक प्रदर्शनों ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। सड़कों पर आगजनी और झड़पों के कारण न केवल स्थानीय जीवन प्रभावित हुआ है, बल्कि वहां रह रहे भारतीय नागरिक भी संकट में हैं। इस बीच, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नेपाल में फंसे राजस्थानियों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है।
सीएम भजनलाल शर्मा की अपील
सीएम भजनलाल शर्मा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'नेपाल में हुई हिंसा हृदय विदारक है। वहां की परिस्थितियों को देखते हुए हमारी सरकार नेपाल में फंसे राजस्थानी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। मैंने काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर वहां की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली है।' उन्होंने यह भी कहा कि नेपाल में मौजूद सभी भारतीय, विशेषकर राजस्थान से गए प्रवासी नागरिक, भारतीय दूतावास के संपर्क में बने रहें और भारत सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी का पालन करें।
भारत सरकार की एडवाइजरी
भारत सरकार की सलाह
भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल की स्थिति को देखते हुए भारतीय नागरिकों को अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। एडवाइजरी में कहा गया है कि जो भारतीय पहले से नेपाल में हैं, वे अपने निवास स्थान पर सुरक्षित रहें और बिना कारण सड़कों पर न निकलें। भारतीय दूतावास ने आपात स्थिति में संपर्क के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।
📞 +977-9808602881
📞 +977-9810326134
जयपुर के यात्रियों की स्थिति
काठमांडू एयरपोर्ट पर फंसे यात्री
रविवार सुबह, जयपुर के आसपास के क्षेत्रों से गए लगभग 200 यात्री काठमांडू एयरपोर्ट पर फंस गए हैं। ये सभी यात्री 28 अगस्त को 3 धाम की यात्रा पर निकले थे और पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन के बाद वापसी के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे। लेकिन नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों और कर्फ्यू के कारण हवाई सेवाएं बाधित हो गईं।
सिंवार गांव के निवासी शंभूदयाल महर्षि और बंशीधर जांगिड़ ने बताया कि अजमेर रोड और सिरसी रोड के गांवों से गए सभी यात्री काठमांडू एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं। हिंसा और कर्फ्यू के कारण न तो टैक्सी सेवाएं मिल रही हैं और न ही उड़ानें संचालित हो पा रही हैं। फंसे हुए यात्रियों ने भारत सरकार से सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई है। जयपुर और आसपास के गांवों में उनके परिजन गहरी चिंता में हैं। सभी परिजन लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और सरकार से शीघ्र मदद की उम्मीद कर रहे हैं।