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नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर नए अंडरपास का निर्माण शुरू

नोएडा प्राधिकरण ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर दो नए अंडरपास बनाने की योजना बनाई है। इन अंडरपास के निर्माण से 10 लाख लोगों को लाभ होगा। यह परियोजना जलभराव और सड़क धंसने की समस्याओं को कम करने में मदद करेगी। जानें अंडरपास के स्थान, निर्माण लागत और इससे होने वाले लाभ के बारे में।
 

नोएडा प्राधिकरण की नई योजना

नोएडा समाचार: नोएडा प्राधिकरण ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर दो नए अंडरपास बनाने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। इसके लिए प्राधिकरण ने चयनित स्थलों का यूटिलिटी सर्वेक्षण शुरू किया है। इस सर्वे में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नीचे से पानी, सीवर, बिजली, गैस पाइपलाइन और केबल लाइन गुजर रही हैं या नहीं। यदि कोई लाइन मौजूद है, तो संबंधित विभाग उसे अन्य स्थान पर स्थानांतरित करेगा। इसके बाद सभी विभाग काम शुरू करने के लिए एनओसी प्रदान करेंगे, और फिर सिविल विभाग चयनित एजेंसी को प्रोजेक्ट साइट सौंप देगा।


अंडरपास के स्थान

यहां बनेंगे अंडरपास


नोएडा प्राधिकरण के अनुसार, ये अंडरपास सेक्टर-128 सुल्तानपुर और सेक्टर-146 झट्टा गांव के सामने बनाए जाने की योजना है। सुल्तानपुर गांव के सामने बनने वाला अंडरपास सेक्टर-128, 129, 132 और 108 के बीच होगा। वहीं, झट्टा अंडरपास सेक्टर-145, 146, 155 और 159 में बनेगा। इन अंडरपास के निर्माण से लगभग 30 सेक्टरों और 20 गांवों के निवासियों को लाभ होगा। सुल्तानपुर अंडरपास की लंबाई 731 मीटर और झट्टा अंडरपास की लंबाई 800 मीटर होगी।


निर्माण लागत का विवरण

अंडरपास के निर्माण की लागत


नोएडा प्राधिकरण के अनुसार, झट्टा अंडरपास की निर्माण लागत 99 करोड़ 74 लाख रुपये है, जबकि सुल्तानपुर अंडरपास की लागत लगभग 81 करोड़ 61 लाख रुपये आंकी गई है। सभी विभागों को उपयोगिता सर्वे के लिए पत्र भेज दिए गए हैं। दोनों अंडरपास के निर्माण के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है और सोमवार से यूटिलिटी सर्वे भी आरंभ हो गया है।


लाभार्थियों की संख्या

30 सेक्टरों और 20 गांवों के लोगों को फायदा


इन अंडरपास का निर्माण डायाफ्राम तकनीक से किया जाएगा, जिससे बिना खुदाई के दीवारें बनाई जा सकेंगी। इससे सड़क धंसने और जलभराव की समस्या से बचा जा सकेगा। इस परियोजना से लगभग 30 सेक्टरों और 20 गांवों के निवासियों को लाभ होगा, जिससे वाहन चालकों के लिए यात्रा सुगम होगी और जाम की समस्या में कमी आएगी। इन अंडरपास के निर्माण से 10 लाख लोगों को लाभ होगा।


पिछले अंडरपास का निर्माण

अब तक बने कितने अंडरपास


पिछले तीन वर्षों में एक्सप्रेसवे पर पहले ही तीन अंडरपास का निर्माण किया जा चुका है, जिनमें सेक्टर-142 एडवेंट अंडरपास, सेक्टर-152 सफीपुर अंडरपास और सेक्टर-96 अंडरपास शामिल हैं।