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पंजाब के वित्त मंत्री ने कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने 47 कर्मचारी यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों की जायज मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया। बैठक में ठेका कर्मचारियों को नियमित करने और अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। वित्त मंत्री ने प्रशासनिक विभागों को निर्देश दिए कि वे कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान समयबद्ध तरीके से करें। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक के बारे में और क्या निर्णय लिए गए।
 

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की बैठकें


पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने 47 कर्मचारी यूनियनों के साथ की बैठकें


चंडीगढ़ : पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि सभी कर्मचारियों की उचित मांगों को शीघ्र पूरा किया जाए। यह बयान उन्होंने कर्मचारी यूनियनों के नेताओं के साथ एक बैठक में दिया। ज्ञात हो कि कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए गठित कैबिनेट सब-कमेटी के चेयरमैन के रूप में, उन्होंने आज 47 विभिन्न कर्मचारी यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा की। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार की पारदर्शी और कर्मचारी-केंद्रित प्रशासनिक व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाना था।


यूनियनों की प्रमुख मांगें


वित्त मंत्री ने सभी 47 यूनियनों के प्रतिनिधियों की मांगों को ध्यानपूर्वक सुना। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति, बिजली विभाग के साथ-साथ ठेका कर्मचारियों और सांझे मोर्चों के प्रतिनिधि शामिल थे। यूनियनों ने ठेका आधारित और आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की, जिस पर वित्त मंत्री ने सहानुभूतिपूर्ण समीक्षा का आश्वासन दिया।


विभागों को वित्त मंत्री के निर्देश


कर्मचारियों की मांगों पर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए, वित्त मंत्री ने प्रशासनिक विभागों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। पहले, उन्हें निर्देशित किया गया कि कर्मचारी कल्याण से संबंधित नीतिगत प्रस्तावों का मसौदा तैयार करने से पहले यूनियन प्रतिनिधियों को प्रक्रिया में शामिल किया जाए। यह कदम भविष्य की जटिलताओं को समाप्त करने के लिए है।


दूसरे, वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे उन मामलों को तुरंत हल करें जो विभागीय स्तर पर आते हैं। अंत में, जिन मामलों में कानूनी या वित्तीय जटिलताएँ हैं, उनके लिए विभागों को एडवोकेट जनरल, पर्सनल विभाग और वित्त विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के लिए कहा गया।