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परेश रावल की फिल्म 'द ताज स्टोरी' को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली राहत

परेश रावल की आगामी फिल्म 'द ताज स्टोरी' को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिली है, जब कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से मना कर दिया। फिल्म के ट्रेलर और पोस्टर ने ताजमहल की ऐतिहासिकता पर सवाल उठाने के कारण विवाद खड़ा किया है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि फिल्म भ्रामक दावे करती है, जो साम्प्रदायिक सद्भाव को प्रभावित कर सकती है। जानें इस फिल्म के बारे में और क्या यह रिलीज के बाद और विवाद पैदा करेगी।
 

दिल्ली हाईकोर्ट से राहत


बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता परेश रावल की नई फिल्म 'द ताज स्टोरी' को दिल्ली हाईकोर्ट से एक महत्वपूर्ण राहत मिली है। एक जनहित याचिका के माध्यम से फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने और CBFC सर्टिफिकेट रद्द करने की मांग की गई थी, लेकिन कोर्ट ने तुरंत सुनवाई करने से मना कर दिया।


फिल्म के विवादास्पद पोस्टर और ट्रेलर

यह फिल्म 31 अक्टूबर को रिलीज होने वाली है, और इसके पोस्टर तथा ट्रेलर ने ताजमहल की ऐतिहासिकता पर सवाल उठाने के कारण विवाद उत्पन्न किया है। दर्शकों और समीक्षकों की नजरें इस बात पर हैं कि क्या फिल्म के रिलीज के बाद और भी विवाद खड़ा होगा। याचिकाकर्ता, वकील शकील अब्बास ने आरोप लगाया है कि फिल्म ताजमहल के बारे में भ्रामक और उत्तेजक दावे करती है।


'द ताज स्टोरी' में धार्मिक विवाद

ट्रेलर में ताजमहल के गुंबद से भगवान शिव की मूर्ति निकलते हुए दिखाया गया है, जो यह संकेत करता है कि यह स्मारक मुग़ल सम्राट शाहजहाँ द्वारा नहीं, बल्कि एक हिंदू मंदिर के रूप में बनाया गया था। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह सिद्धांत अत्यधिक विवादित है और अधिकांश इतिहासकार इसे खारिज कर चुके हैं। फिल्म ऐसी अफवाहें फैला रही है, जो साम्प्रदायिक सद्भाव को प्रभावित कर सकती हैं और ताजमहल की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुँचा सकती हैं।


कोर्ट की सुनवाई और याचिका का निपटारा

याचिका में मांग की गई थी कि CBFC फिल्म की पुनः जांच करे, डिस्क्लेमर जोड़े या कुछ दृश्य हटाए, यहां तक कि इसे एडल्ट सर्टिफिकेशन भी दिया जाए। दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच, जिसमें चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेदेला शामिल थे, ने याचिका पर त्वरित सुनवाई की मांग को अस्वीकार कर दिया।


कोर्ट ने कहा कि मामला सामान्य प्रक्रिया के तहत सूचीबद्ध होगा, जिससे फिल्म की रिलीज पर कोई तात्कालिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। याचिका में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय, CBFC, निर्माता सीए सुरेश झा, निर्देशक तुषार अमरीश गोयल, लेखक सौरभ एम पांडे, जी म्यूजिक कंपनी और परेश रावल को उत्तरदाता बनाया गया है।


फिल्म का राजनीतिक संदर्भ

आरोप है कि प्रोडक्शन हाउस और अभिनेता लगातार विवादास्पद फिल्में बना रहे हैं, जैसे 'द कश्मीर फाइल्स' और 'द बंगाल फाइल्स', जो राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा देती हैं। 'द ताज स्टोरी' एक कोर्टरूम ड्रामा है, जो ताजमहल की उत्पत्ति पर लंबे समय से चल रहे विवाद को दर्शाती है। 16 अक्टूबर को रिलीज हुए ट्रेलर ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। कुछ लोग इसे ऐतिहासिक खोज बता रहे हैं, जबकि अन्य इसे गलत सूचना मानते हैं। परेश रावल, जो अपने बेबाक किरदारों के लिए जाने जाते हैं, इस फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं।