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पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन और डिप्रेशन के बीच संबंध

इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे हार्मोनल असंतुलन पुरुषों में डिप्रेशन का कारण बन सकता है। हार्मोन्स की भूमिका, उनके असंतुलन के लक्षण और उपचार के उपायों पर चर्चा की जाएगी। यदि आप बार-बार चिड़चिड़ापन, उदासी और थकान का अनुभव कर रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।
 

डिप्रेशन और मानसिक स्वास्थ्य

सुबह होते ही हर कोई अपने-अपने कार्यों में व्यस्त हो जाता है। कुछ लोग ऑफिस जाने की जल्दी में होते हैं, जबकि अन्य स्कूल जाने के लिए तैयार होते हैं। इस भागदौड़ में, हम अपनी मानसिक शांति को नजरअंदाज कर देते हैं, जो कि डिप्रेशन का कारण बन सकता है।


हालांकि महिलाओं में हार्मोनल बदलावों पर चर्चा अधिक होती है, लेकिन पुरुषों में भी हार्मोनल असंतुलन की समस्या गंभीर हो सकती है। इस लेख में, हम जानेंगे कि हार्मोनल असंतुलन किस प्रकार डिप्रेशन का कारण बन सकता है और इसके लक्षण क्या होते हैं।


हार्मोन्स की भूमिका

विटामिन और मिनरल्स की तरह, हार्मोन्स भी शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये मूड स्विंग्स को नियंत्रित करने, ऊर्जा स्तर को बनाए रखने और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करने में मदद करते हैं। लेकिन अस्वस्थ खानपान के कारण हार्मोनल असंतुलन हो सकता है।


टेस्टोस्टेरोन

टेस्टोस्टेरोन, सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हैप्पी हार्मोन्स के उत्पादन को बढ़ावा देता है। इसकी कमी से उदासी, थकान और एकाग्रता में कमी आ सकती है, जिससे डिप्रेशन के लक्षण बढ़ सकते हैं।


कोर्टिसोल

कोर्टिसोल को स्ट्रेस हार्मोन कहा जाता है। इसकी अधिकता मस्तिष्क के न्यूरॉन्स को प्रभावित कर सकती है, जिससे डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है।


थायरॉयड हार्मोन

थायरॉयड हार्मोन की अधिकता या कमी दोनों ही डिप्रेशन और मूड स्विंग्स का कारण बन सकती हैं। विशेष रूप से, पुरुषों में हाइपोथायरायडिज्म थकान और डिप्रेशन के लक्षण उत्पन्न कर सकता है।


सेरोटोनिन और डोपामिन

ये दोनों मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में कार्य करते हैं। इनके स्तर में कमी हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकती है, जिससे व्यक्ति में निराशा और उदासी का अनुभव हो सकता है।


डिप्रेशन के लक्षण

यदि किसी पुरुष में हार्मोनल असंतुलन के कारण डिप्रेशन हो रहा है, तो इसके लक्षण सामान्य डिप्रेशन से भिन्न हो सकते हैं। इनमें बेवजह गुस्सा, उदासी, चिड़चिड़ापन, आत्मविश्वास की कमी, काम में रुचि की कमी, नींद में अनियमितता, थकान और ऊर्जा की कमी शामिल हैं।


इलाज के उपाय

डॉक्टर सबसे पहले ब्लड टेस्ट की सलाह देते हैं, जिसमें टेस्टोस्टेरोन, थायरॉइड और कोर्टिसोल के स्तर की जांच की जाती है।


यदि टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम पाया जाता है, तो डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की सलाह दे सकते हैं।


इसके अलावा, मेडिटेशन, योग और गहरी सांस लेने वाली एक्सरसाइज से कोर्टिसोल का स्तर सामान्य किया जा सकता है।


स्वस्थ आहार, जिसमें स्वस्थ फैट्स, प्रोटीन, फल और सब्जियां शामिल हों, भी महत्वपूर्ण है।


पर्याप्त नींद लेना भी हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है।


पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन एक महत्वपूर्ण लेकिन छिपा हुआ कारण है, जो डिप्रेशन का कारण बन सकता है। यदि कोई व्यक्ति बार-बार चिड़चिड़ापन, उदासी और थकान का अनुभव कर रहा है, तो उसे मानसिक और हार्मोनल स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिए।