प्रीति जिंटा ने डॉन के खिलाफ दी थी गवाही, ठुकराया 600 करोड़ का ऑफर
प्रीति जिंटा का साहसिक कदम
प्रीति जिंटा: बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री प्रीति जिंटा अपनी खूबसूरती और बेबाकी के लिए जानी जाती हैं। एक प्रमुख फिल्म निर्माता ने उन्हें अपनी बेटी मानते हुए 600 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था, जिसे प्रीति ने ठुकरा दिया। इसके अलावा, एक समय था जब उन्होंने अंडरवर्ल्ड डॉन के खिलाफ खड़े होकर साहस का परिचय दिया।
प्रीति जिंटा ने अदालत में जाकर अंडरवर्ल्ड डॉन के खिलाफ गवाही दी। इसके बाद एक वरिष्ठ नेता ने उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन प्रीति ने इसे भी अस्वीकार कर दिया। दरअसल, 2001 में सलमान खान, प्रीति जिंटा और रानी मुखर्जी की फिल्म 'चोरी-चोरी, चुपके-चुपके' रिलीज होने वाली थी, जिसमें अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील ने भी निवेश किया था, जबकि कागजों पर मुंबई के हीरा व्यापारी भरत शाह का नाम था।
प्रीति जिंटा की गवाही का महत्व
इस मामले में मुंबई पुलिस ने भरत शाह को गिरफ्तार किया और 'चोरी-चोरी, चुपके-चुपके' के सभी प्रिंट सील कर दिए। इसके बाद मामला अदालत में पहुंचा। प्रीति जिंटा ने अदालत में खुलासा किया कि उन्हें अंडरवर्ल्ड से कॉल आया था, जिसमें 50 लाख रुपये की मांग की गई थी, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। उन्होंने बिना किसी डर के अदालत में यह बात कही।
साहस के लिए मिला पुरस्कार
प्रीति जिंटा को उनके इस साहस के लिए 'गॉडफ्रे फिलिप्स नैशनल ब्रेवरी अवॉर्ड' से भी सम्मानित किया गया। उस समय लाल कृष्ण आडवाणी ने प्रीति को सुरक्षा लेने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। एक इंटरव्यू में प्रीति ने कहा था कि, 'मैंने सुरक्षा लेने से मना कर दिया था, लेकिन कुछ पुलिस वाले सेट पर सामान्य कपड़ों में मेरे साथ रहते थे।'