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प्रेमनाथ: भारतीय सिनेमा के दिग्गज का अनकहा सफर

प्रेमनाथ, भारतीय सिनेमा के एक अद्वितीय सितारे, जिन्होंने न केवल बॉलीवुड में बल्कि हॉलीवुड में भी अपनी पहचान बनाई। उनका सफर संघर्ष और मेहनत से भरा रहा, जिसमें उन्होंने नकारात्मक भूमिकाओं में भी दर्शकों का दिल जीता। जानें उनके जीवन की अनकही कहानियाँ और उनके योगदान के बारे में।
 

प्रेमनाथ का अद्वितीय योगदान


मुंबई: भारतीय फिल्म उद्योग में प्रेमनाथ का नाम एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 21 नवंबर 1926 को पेशावर में जन्मे प्रेमनाथ ने न केवल बॉलीवुड में, बल्कि हॉलीवुड में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया। उन्होंने 250 से अधिक फिल्मों में काम किया और अपने कठिन परिश्रम से एक ऐसा मुकाम हासिल किया जो हर किसी के लिए संभव नहीं है।


अभिनय की ओर पहला कदम

प्रेमनाथ को बचपन से ही अभिनय का शौक था, लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वह सेना में जाएं। पिता की इच्छा का सम्मान करते हुए उन्होंने आर्मी ट्रेनिंग ली, लेकिन उनका दिल हमेशा अभिनय में लगा रहा। फिल्मों में जाने की उनकी चाह इतनी प्रबल थी कि उन्होंने पिता से बंदूक खरीदने के बहाने 100 रुपये मांगे और उसी पैसे से मुंबई पहुंच गए। यह निर्णय उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।


पृथ्वीराज कपूर से प्रेरणा

मुंबई पहुंचने के बाद, प्रेमनाथ ने अपने आदर्श पृथ्वीराज कपूर से मिलने का प्रयास किया। उन्होंने उन्हें गुरु मानते हुए एक पत्र लिखा और पृथ्वी थिएटर में शामिल होने का अवसर प्राप्त किया। यहीं उनकी दोस्ती राज कपूर से हुई, जिसने उनके करियर में महत्वपूर्ण बदलाव लाया।


हीरो से विलेन तक का सफर

प्रेमनाथ की शुरुआत हीरो के रूप में हुई, लेकिन उनकी किस्मत ने कुछ और ही लिखा था। उन्होंने कई सफल फिल्मों में काम किया, लेकिन बाद में उन्होंने नकारात्मक भूमिकाएं निभाकर दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी भूमिकाएं धर्मात्मा, जॉनी मेरा नाम, कालीचरण, शोर, बॉबी और लोफर जैसी फिल्मों में आज भी याद की जाती हैं। एक समय ऐसा भी था जब खलनायक के रूप में उनकी फीस कई प्रमुख हीरो से अधिक थी।


प्यार और साझेदारी

1953 में फिल्म औरत की शूटिंग के दौरान, प्रेमनाथ की मुलाकात एक्ट्रेस बीना राय से हुई और दोनों के बीच प्यार हो गया। जल्द ही उन्होंने शादी कर ली और मिलकर PN Films प्रोडक्शन हाउस की स्थापना की। हालांकि, उनकी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो सकीं, लेकिन उनके प्यार और प्रेमनाथ की कला ने दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई।