फारूक अब्दुल्ला का बदला सुर: संदिग्ध आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति
फारूक अब्दुल्ला का नया रुख
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही में अपने विचारों में बदलाव किया है। उन्होंने दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार विस्फोट में मारे गए संदिग्ध आतंकवादी डॉक्टर उमर और अन्य गिरफ्तार संदिग्धों के प्रति एक प्रकार की सहानुभूति व्यक्त की है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में आधा दर्जन से अधिक डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है। अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों को यह विचार करना चाहिए कि ये डॉक्टर आतंकवादी कैसे बन गए। उनका इस तरह का बयान, जो संदिग्ध आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति दर्शाता है, यह संकेत देता है कि शासन की ओर से ऐसी स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, जिससे लोग आतंकवादी बन रहे हैं। यह स्थिति निश्चित रूप से चिंताजनक है। फारूक अब्दुल्ला का यह बदला हुआ रुख बडगाम सीट पर उनकी पार्टी की हार के कारण भी हो सकता है।
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। चुनाव के बाद उन्होंने बडगाम सीट से इस्तीफा दे दिया था। इस सीट पर 11 नवंबर को उपचुनाव हुआ, जिसमें उमर ने काफी मेहनत की और प्रचार किया, लेकिन महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के उम्मीदवार ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को हराया। नेशनल कॉन्फ्रेंस के श्रीनगर सांसद आगा रूहुल्ला ने इस सीट पर प्रचार करने से मना कर दिया था। जम्मू कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के बारे में यह धारणा बन रही है कि वे भाजपा के साथ हैं और केंद्र सरकार के एजेंडे के अनुसार काम कर रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग छोड़ दी है। इस स्थिति ने कांग्रेस और पीडीपी के लिए अवसर पैदा किया है। इसी कारण फारूक अब्दुल्ला ने अचानक यू टर्न लिया है और संदिग्ध आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति दिखाने लगे हैं।