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फ्रेंच सिनेमा की आइकन ब्रिजिट बार्डो का निधन, एक युग का अंत

फ्रेंच सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री और गायिका ब्रिजिट बार्डो का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने सिनेमा, फैशन और महिला स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। बार्डो का करियर बोल्ड किरदारों से लेकर संगीत तक फैला हुआ था। उनके पशु अधिकारों के लिए संघर्ष ने उन्हें एक नई पहचान दी। जानें उनके जीवन और विरासत के बारे में।
 

ब्रिजिट बार्डो का निधन

नई दिल्ली। यूरोपीय सिनेमा और ग्लैमर की दुनिया में एक महत्वपूर्ण अध्याय समाप्त हो गया है। प्रसिद्ध फ्रेंच अभिनेत्री और गायिका ब्रिजिट बार्डो (Brigitte Bardot) का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बार्डो केवल एक फिल्म स्टार नहीं थीं, बल्कि वह 20वीं सदी की उन प्रमुख शख्सियतों में से एक थीं जिन्होंने सिनेमा, फैशन, महिला स्वतंत्रता और सामाजिक मुद्दों को नई दिशा दी।


बोल्ड किरदारों की पहचान

1950 और 60 के दशक में, ब्रिजिट बार्डो का नाम ग्लैमर और बोल्डनेस का प्रतीक बन गया था। उन्होंने उस समय की पारंपरिक छवियों को तोड़ते हुए महिलाओं की स्वतंत्रता और आत्म-अभिव्यक्ति को एक नई पहचान दी। उनकी उपस्थिति ने फ्रेंच सिनेमा को वैश्विक स्तर पर मजबूती से स्थापित किया।


पेरिस में जन्म और प्रारंभिक करियर

ब्रिजिट बार्डो का जन्म 1934 में पेरिस में हुआ। वह एक पारंपरिक परिवार में पली-बढ़ीं और बचपन में नृत्य की औपचारिक शिक्षा ली। किशोरावस्था में उनकी खूबसूरती और आत्मविश्वास ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया, जिससे उनका करियर एक मैगजीन कवर से शुरू हुआ। इसके बाद उन्हें फिल्मों के प्रस्ताव मिलने लगे और वह जल्दी ही सिनेमा जगत की एक प्रसिद्ध हस्ती बन गईं।


वैश्विक पहचान का सफर

1956 में रिलीज हुई फिल्म 'एंड गॉड क्रिएटेड वुमन' ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। इस फिल्म में उनके अभिनय और व्यक्तित्व ने उन्हें उस समय की सबसे चर्चित अभिनेत्री बना दिया। अगले दो दशकों तक, वह पर्दे पर 'सेक्स सिंबल' के रूप में जानी गईं, लेकिन उन्होंने गंभीर और चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं भी निभाईं।


संगीत में भी पहचान

फिल्मों के अलावा, बार्डो का संगीत करियर भी उल्लेखनीय रहा। उन्होंने फ्रेंच पॉप और रोमांटिक गीतों में अपनी छाप छोड़ी। उनके साथ काम करने वाले मशहूर संगीतकारों और गायकों की जुगलबंदी आज भी याद की जाती है।


अभिनय से संन्यास

अपने करियर के चरम पर पहुंचने के बाद, 1970 के दशक की शुरुआत में ब्रिजिट बार्डो ने अभिनय से दूरी बना ली। 1973 में उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म के बाद कैमरे से हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। यह निर्णय उनके प्रशंसकों के लिए चौंकाने वाला था, लेकिन इसके पीछे एक नया उद्देश्य था।


पशु अधिकारों के लिए संघर्ष

अभिनय छोड़ने के बाद, बार्डो ने अपना जीवन पशु कल्याण को समर्पित कर दिया। उन्होंने एक फाउंडेशन की स्थापना की और दुनियाभर में जानवरों के अधिकारों के लिए अभियान चलाए। वह सील शिकार और पशुओं पर अत्याचार के मुद्दों पर खुलकर बोलती रहीं, हालांकि उनके कुछ राजनीतिक और सामाजिक बयान विवादों में भी रहे।


निजी जीवन और विरासत

ब्रिजिट बार्डो का निजी जीवन भी हमेशा चर्चा में रहा। उन्होंने कई शादियां कीं और मशहूर कलाकारों के साथ उनके रिश्ते सुर्खियों में रहे। अपने पीछे वह एक बेटे और एक ऐसी विरासत छोड़ गई हैं, जिसने सिनेमा से आगे जाकर समाज और संस्कृति पर गहरी छाप छोड़ी। ब्रिजिट बार्डो अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी छवि, साहस और प्रभाव आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।