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बिग बॉस और छोरियां चलीं गांव: दोनों शो में क्या है समानता और भिन्नता?

बिग बॉस और छोरियां चलीं गांव दोनों ही लोकप्रिय रियलिटी शो हैं, लेकिन इनके बीच कई समानताएं और भिन्नताएं हैं। दोनों शो में प्रतियोगियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन उनके कांसेप्ट और टास्क की प्रकृति में महत्वपूर्ण अंतर हैं। जानें कि कैसे ये शो एक-दूसरे से भिन्न हैं और कौन सा शो दर्शकों के लिए अधिक आकर्षक है।
 

बिग बॉस और छोरियां चलीं गांव की समानताएं

बिग बॉस और छोरियां चलीं गांव के बीच समानताएं: सलमान खान का बिग बॉस और छोरियां चलीं गांव दोनों ही रियलिटी शो हैं, जहां प्रतियोगियों को जीवित रहने के लिए विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन दोनों शो में मुख्य रूप से फिल्म, टीवी और सोशल मीडिया से जुड़े सेलिब्रिटी शामिल होते हैं। छोरियां चलीं गांव में अनीता हसनंदानी, कृष्णा श्रॉफ और ऐश्वर्या खरे जैसे नाम शामिल हैं, जबकि बिग बॉस की संभावित सूची में कई प्रमुख हस्तियां हैं। दोनों शो के लिए एक ही होस्ट हैं, बिग बॉस में सलमान खान और छोरियां चलीं गांव में रणविजय हैं।


टास्क और प्रतियोगिता की प्रक्रिया

प्रतियोगिता में आगे बढ़ने के लिए टास्क की आवश्यकता


एक और समानता यह है कि प्रतियोगियों को टास्क जीतने के बाद ही आगे बढ़ने का मौका मिलता है। नॉमिनेशन, डेंजर जोन और एलिमिनेशन की प्रक्रिया दोनों शो में समान है। बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रतियोगी आगे बढ़ते हैं, जबकि कम प्रदर्शन करने वाले बाहर हो जाते हैं। ड्रामा, इमोशनल सीन और झगड़े भी दोनों शो में देखने को मिलते हैं। बिग बॉस लगभग अढ़ाई महीने चलता है, जबकि इस बार यह चार महीने तक चलेगा, वहीं छोरियां चलीं गांव 72 दिन तक चलेगा।


बिग बॉस और छोरियां चलीं गांव के बीच का अंतर

कांसेप्ट में भिन्नता


बिग बॉस और छोरियां चलीं गांव के बीच मुख्य अंतर उनके कांसेप्ट में है। छोरियां चलीं गांव में मशहूर अभिनेत्रियों को ग्रामीण चुनौतियों का सामना करने के लिए भेजा गया है, जबकि बिग बॉस के लिए एक भव्य सेटअप तैयार किया जाता है, जहां 15 प्रतियोगी 150 कैमरों की निगरानी में रहते हैं।


टास्क की प्रकृति

टास्क और चुनौतियों में भिन्नता


छोरियां चलीं गांव में मिलने वाले टास्क ज्यादातर शारीरिक होते हैं, जैसे पहले दिन भैंस का दूध निकालना और दूसरे दिन मुर्गी पकड़ना। जबकि बिग बॉस में अधिकतर टास्क मानसिक होते हैं, जैसे नॉमिनेशन से बचना। सुविधाओं की बात करें तो छोरियां चलीं गांव में प्रतियोगियों को ग्रामीण जीवन जीने के लिए मजबूर किया जाता है, जबकि बिग बॉस में सभी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं।