भारत ने ऑस्ट्रियाई अर्थशास्त्री का ट्विटर अकाउंट क्यों किया ब्लॉक?
भारत सरकार की त्वरित कार्रवाई
India Blocks Twitter Account : भारत सरकार ने एक त्वरित कदम उठाते हुए ऑस्ट्रिया के अर्थशास्त्री गुनथर फेलिंगर-जान (Gunther Fehlinger-Jahn) के X अकाउंट को देश में प्रतिबंधित कर दिया है। फेलिंगर ने एक विवादास्पद पोस्ट में भारत को 'विघटित' करने की मांग की थी, जिसमें खालिस्तान का नक्शा भी शामिल था.
विवादास्पद पोस्ट और प्रतिक्रियाएं
विवादित बयान और खालिस्तान का समर्थन
फेलिंगर-जान ने अपने पोस्ट में लिखा था, "मैं भारत को एक्सइंडिया में विघटित करने की अपील करता हूँ। @narendramodi रूस के आदमी हैं। हमें @KhalistanNet के लिए स्वतंत्रता के समर्थक चाहिए।" उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कीं, और कई उपयोगकर्ताओं ने इसे भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला बताया.
सरकार की कार्रवाई
भारत सरकार की त्वरित कार्रवाई
जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुआ, भारत के गृह मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया। दोनों मंत्रालयों ने X को निर्देश दिया कि फेलिंगर-जान का अकाउंट भारत में प्रतिबंधित किया जाए। इसके बाद, उनका अकाउंट भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए एक्सेस से बाहर कर दिया गया.
विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
कोई आधिकारिक हैसियत नहीं, विदेश मंत्रालय
जब विदेश मंत्रालय से पूछा गया कि क्या इस मामले को ऑस्ट्रिया सरकार के समक्ष उठाया जाएगा, तो एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे तवज्जो देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "उसे इतनी अहमियत देने की क्या जरूरत है? वो एक सनकी व्यक्ति है, जिसकी कोई आधिकारिक हैसियत नहीं है."
फेलिंगर-जान की पृष्ठभूमि
फेलिंगर-जान की भूमिका
गुनथर फेलिंगर-जान, ऑस्ट्रियाई समिति के अध्यक्ष हैं जो यूक्रेन, कोसोवो, बोस्निया और ऑस्ट्रिया की नाटो सदस्यता का समर्थन करती है। इसके अलावा, वे दक्षिणी बाल्कन क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण के लिए बनी एक्शन ग्रुप के बोर्ड में भी शामिल हैं। हालांकि, यह स्पष्ट है कि उनका कोई आधिकारिक राजनीतिक या कूटनीतिक पद नहीं है.
भारत-ऑस्ट्रिया संबंध
भारत-ऑस्ट्रिया के संबंध...
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब भारत और ऑस्ट्रिया के संबंधों में हाल ही में नई ऊर्जा देखने को मिली थी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने जुलाई 2024 में ऑस्ट्रिया का ऐतिहासिक दौरा भी किया था। यह यात्रा पिछले 41 वर्षों में किसी भी देश की पहली ऑस्ट्रिया यात्रा थी, जो दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगाठ के मौके पर हुई थी.