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भारत में दवाइयों पर GST में कटौती: उपभोक्ताओं को मिलेगी बड़ी राहत

भारत सरकार ने 22 सितंबर से दवाइयों और मेडिकल डिवाइस पर GST में कटौती की घोषणा की है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। नई व्यवस्था के तहत कई आवश्यक दवाइयों की कीमतें कम होंगी, जिससे गंभीर बीमारियों के मरीजों को विशेष लाभ होगा। जानें इस फैसले के पीछे की वजह और इसके प्रभाव के बारे में।
 

दवाइयों और मेडिकल डिवाइस की कीमतों में कटौती

GST में कमी का ऐलान: भारत सरकार ने 22 सितंबर से दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों की कीमतों में कमी लाने का निर्णय लिया है। रसायन और उर्वरक मंत्रालय के आदेश के अनुसार, सभी फार्मा कंपनियों को अपनी दवाइयों और मेडिकल डिवाइस के नए अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) निर्धारित करने होंगे। यह कदम उपभोक्ताओं और मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इससे दवाइयों की कीमतों में कमी आएगी।


उपभोक्ताओं तक टैक्स कटौती का लाभ पहुंचाना

सरकार की नई व्यवस्था:
नई GST व्यवस्था के तहत, सरकार ने सुनिश्चित किया है कि फार्मा कंपनियां अपने उत्पादों के नए MRP तय करें और यह जानकारी डीलर्स, रिटेलर्स, राज्य ड्रग कंट्रोलर और सरकार के साथ साझा करें। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने स्पष्ट किया है कि कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि टैक्स कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे।


22 सितंबर से पहले नए लेबल की आवश्यकता नहीं

स्टॉक की स्थिति:
मंत्रालय ने कंपनियों को यह राहत दी है कि 22 सितंबर से पहले बाजार में उपलब्ध स्टॉक को वापस मंगाने या नए लेबल लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उपभोक्ताओं से नई कीमत ही वसूली जाए।


कौन-कौन सी दवाइयां प्रभावित होंगी?

GST में कमी:
नई GST व्यवस्था के तहत कई आवश्यक दवाइयों पर GST की दर को 5% से घटाकर शून्य (0%) कर दिया गया है। कैंसर और अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों की दवाइयों पर पहले 12% GST था, जिसे घटाकर 5% कर दिया गया है। इसके अलावा, बैंडेज, वॉडिंग, गॉज और ड्रेसिंग सामग्री पर GST को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।


रोजमर्रा की चीजों पर भी राहत

सामान्य उत्पादों की कीमतें कम:
इसके अलावा, रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजों जैसे टैलकम पाउडर, हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, सोप, शेविंग क्रीम और आफ्टरशेव लोशन पर GST की दर 18% से घटाकर केवल 5% कर दी गई है। यह कदम उपभोक्ताओं को सीधे फायदा पहुंचाएगा और उत्पादों की कीमतों में राहत देगा।


नई कीमतों की जानकारी का प्रसार

पारदर्शिता बनाए रखना:
मंत्रालय ने निर्देश दिए हैं कि फार्मा कंपनियां और उद्योग संगठन अखबारों, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से उपभोक्ताओं और रिटेलर्स को नई कीमतों की जानकारी दें। इस पहल का उद्देश्य हर स्तर पर पारदर्शिता बनाए रखना है, ताकि मरीजों और उपभोक्ताओं को नई कीमतों का लाभ पूरी तरह से मिल सके।


उपभोक्ताओं को राहत का अनुमान

इलाज का खर्च कम होगा:
विशेषज्ञों के अनुसार, नई GST दरों से इलाज का खर्च काफी कम हो जाएगा। पहले जहां 1000 रुपये की दवा पर 120 रुपये तक टैक्स लगता था, वहीं अब केवल 50 रुपये टैक्स लगेगा। गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर और अस्थमा से जूझ रहे मरीजों के लिए यह राहत बड़ी साबित होगी। यह निर्णय चिकित्सा लागत को काबू में लाने में मदद करेगा और इलाज के खर्च में उल्लेखनीय कमी आएगी।


मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत

सरकार का सकारात्मक कदम:
नई GST व्यवस्था से दवाइयों और मेडिकल डिवाइस की कीमतों में कटौती के बाद मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। इस कदम से न केवल उपभोक्ताओं की जेब पर दबाव कम होगा, बल्कि चिकित्सा लागत में भी कमी आएगी। यह निर्णय उन मरीजों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं और जिनके इलाज पर भारी खर्च होता है। सरकार का यह कदम निश्चित रूप से भारतीय चिकित्सा प्रणाली में एक सकारात्मक बदलाव लाएगा।