भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में छोटी कारों की मांग में गिरावट, महिंद्रा की SUVs का उभार
छोटी कारों की मांग में कमी
फाडा रिपोर्ट: छोटी कारों की मांग में कमी, महिंद्रा की SUVs का उभार: हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव ने न केवल सीमा पर हलचल पैदा की, बल्कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग पर भी गहरा प्रभाव डाला है।
मई 2025 में यात्री वाहनों की बिक्री में 3% की गिरावट आई, जिसका मुख्य कारण जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले और उसके बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के कारण उपजी युद्ध की आशंकाएं रहीं। वाहन डीलरों के संगठन फाडा के अनुसार, ग्राहकों ने अनिश्चितता के माहौल में कार खरीदने से परहेज किया, खासकर छोटी कारों की मांग में कमी देखी गई।
हालांकि, इस दौरान दोपहिया वाहनों और SUVs की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो भारतीय बाजार की बदलती प्राथमिकताओं को दर्शाता है। आइए, इस स्थिति को और करीब से समझते हैं।
मई 2025 में यात्री वाहनों का रजिस्ट्रेशन 3,02,214 यूनिट रहा, जो पिछले साल मई में 3,11,908 यूनिट के मुकाबले कम है। फाडा का कहना है कि जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में सीमा पर बढ़ते तनाव ने ग्राहकों का विश्वास डगमगाया। सीमित वित्तीय सहायता और कमजोर उपभोक्ता भावनाओं ने भी इस गिरावट को बढ़ावा दिया।
कई ग्राहकों ने बुकिंग तो की, लेकिन डिलीवरी लेने में देरी की, जिससे बिक्री पर असर पड़ा। खासकर छोटी कारों की मांग में कमी आई, क्योंकि लोग अनिश्चितता के इस दौर में बड़े निवेश से बच रहे थे। इसके बावजूद, कुछ क्षेत्रों में ऑटोमोबाइल उद्योग ने उम्मीद की किरण दिखाई।
दिलचस्प बात यह है कि दोपहिया वाहनों की बिक्री में मई 2025 में 7% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो पिछले साल की 15,40,077 यूनिट से बढ़कर 16,52,637 यूनिट हो गई। तिपहिया वाहनों की बिक्री भी 6% बढ़कर 1,04,448 यूनिट पर पहुंच गई। दूसरी ओर, कमर्शियल वाहनों की बिक्री में 4% की कमी आई और यह 75,615 यूनिट रही।
फाडा का कहना है कि जून 2025 में लागू होने वाले अनिवार्य एसी ड्राइवर-केबिन नियम के कारण कंपनियों ने थोक बिक्री बढ़ाई, ताकि स्टॉक को बनाए रखा जा सके। यह दिखाता है कि बाजार में कुछ सेगमेंट्स ने चुनौतियों के बावजूद बेहतर प्रदर्शन किया।
भारतीय बाजार में SUVs की मांग में भी तेजी देखी गई। महिंद्रा जैसी कंपनियां, जो केवल SUV सेगमेंट पर ध्यान देती हैं, ने मई में 21.30% की शानदार वृद्धि हासिल की और कुल 52,431 गाड़ियां बेचीं। वहीं, छोटी कारों पर निर्भर कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा।
मारुति सुजुकी, जो भारतीय बाजार में सबसे ज्यादा कारें बेचती है, ने 1,35,962 यूनिट्स बेचीं, लेकिन उसकी बिक्री में 5.60% की कमी आई। हुंडई और टाटा मोटर्स की बिक्री में क्रमशः 10.80% और 11% की गिरावट दर्ज की गई। यह बदलाव दर्शाता है कि भारतीय ग्राहक अब किफायती छोटी कारों की तुलना में SUVs की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं।
यह सब पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से शुरू हुआ, जिसमें 26 भारतीय पर्यटकों की जान चली गई। इसके जवाब में भारत ने 6-7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसने पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस कार्रवाई ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया और कुछ दिनों तक जवाबी हमले चले। हालांकि, 11 मई को दोनों पक्षों ने सीजफायर की घोषणा की, लेकिन इस तनाव का असर ऑटोमोबाइल बाजार पर स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।