भारतीय फुटबॉल में बदलाव: कोच मनोलो मार्केज़ का कार्यकाल समाप्त
कोच और एआईएफएफ के बीच सहमति से अलगाव
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) और मुख्य कोच मनोलो मार्केज़ ने आपसी सहमति से अपने रास्ते अलग कर लिए हैं। यह निर्णय 10 जून को हांगकांग के खिलाफ 1-0 की हार के बाद लिया गया, जिसने 2027 एएफसी एशियाई कप क्वालीफायर में भारत की स्थिति को कमजोर कर दिया। अंततः 2 जुलाई को एआईएफएफ ने उनके हटने की पुष्टि की।
मार्केज़ के कार्यकाल की उपलब्धियां और असफलताएं
मार्केज़ के नेतृत्व में भारतीय टीम ने कुल आठ मुकाबलों में से केवल एक जीत हासिल की, जो मार्च में मालदीव के खिलाफ एक दोस्ताना मैच में आई। हालांकि, घरेलू फुटबॉल में उनकी उपलब्धियों को सराहा गया, जैसे कि हैदराबाद एफसी को 2022 में इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) का खिताब दिलाना। उन्हें इगोर स्टिमैक के बाद जून 2024 में भारतीय टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था, उनके चयन का एक प्रमुख कारण भारतीय युवा खिलाड़ियों के साथ उनका सकारात्मक अनुभव था।
हालांकि, पिछले एक साल में भारतीय टीम का प्रदर्शन काफी खराब रहा है। एएफसी एशियाई कप 2024 में भारत ने कोई जीत नहीं दर्ज की और ग्रुप चरण से बाहर हो गया। जुलाई 2023 में भारत की फीफा रैंकिंग 99 थी, जो अब गिरकर 127 पर पहुंच गई है।
पद छोड़ने की इच्छा और आरोप
मार्केज़ ने हार के बाद निराशा व्यक्त करते हुए कहा था कि ड्रेसिंग रूम का माहौल बहुत उदास था, लेकिन उन्हें टीम से उम्मीद थी। इस बीच, उन पर आरोप लगे कि उन्होंने भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन में एफसी गोवा के खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी। सूत्रों के अनुसार, मार्केज़ ने पिछले महीने एआईएफएफ से पद छोड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन एआईएफएफ ने उस समय इस पर लिखित पुष्टि से इनकार किया था। अब आधिकारिक रूप से उनका कार्यकाल समाप्त हो गया है।
भारतीय कोच की संभावित नियुक्ति
अब एआईएफएफ भारतीय फुटबॉल टीम के लिए एक स्थानीय कोच की नियुक्ति कर सकता है। इस रेस में संजय सेन सबसे आगे हैं, जिन्होंने मोहन बागान को आई-लीग और एटीके मोहन बागान को आईएसएल जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। खालिद जमील भी एक संभावित विकल्प के रूप में देखे जा रहे हैं।