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भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष में ऐतिहासिक सफर

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 10 जून को Axiom Mission 4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर जाने वाले पहले भारतीय बनेंगे। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष अभियानों में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। शुभांशु का यह सफर न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण होगा। जानें उनके जीवन, करियर और इस ऐतिहासिक मिशन की तैयारी के बारे में।
 

शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष मिशन

Shubhanshu Shukla: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की यात्रा पर जाने वाले पहले भारतीय बनेंगे। यह ऐतिहासिक मिशन 10 जून को स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट द्वारा Axiom Mission 4 (Ax-4) के तहत लॉन्च किया जाएगा। यह भारत के अंतरिक्ष अभियानों में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है, क्योंकि यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय नागरिक ISS तक पहुंचेगा।


लखनऊ निवासी शुभांशु शुक्ला न केवल भारतीय अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में एक नया मील का पत्थर स्थापित करेंगे, बल्कि यह भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता को भी प्रदर्शित करेगा। इस मिशन में वह पायलट की भूमिका निभाएंगे, और यह यात्रा उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण होगी।




Axiom Mission 4 का परिचय

Axiom Mission 4 क्या है?


Axiom Mission 4 (Ax-4) एक निजी अंतरिक्ष अभियान है, जिसमें शुभांशु शुक्ला भारत के पहले निजी अंतरिक्ष यात्री के रूप में अंतरिक्ष में जाएंगे। इस मिशन में पोलैंड और हंगरी भी शामिल हैं, जो चार दशकों बाद मानव अंतरिक्ष मिशन में वापसी का प्रतीक है। इस मिशन का नेतृत्व पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन करेंगी, जबकि शुभांशु शुक्ला मिशन पायलट होंगे। यह टीम अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 14 दिन बिताएगी, जहां वे वैज्ञानिक अनुसंधान, शैक्षणिक कार्यक्रम और वाणिज्यिक गतिविधियों में भाग लेंगे।


शुभांशु शुक्ला का प्रारंभिक जीवन

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा


अक्टूबर 1985 में लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला की उड़ान में रुचि बचपन से ही थी। 1999 के कारगिल युद्ध से प्रेरित होकर, उन्होंने UPSC NDA की परीक्षा पास की और 2005 में नेशनल डिफेंस एकेडमी से कंप्यूटर साइंस में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की।


वायुसेना में करियर

वायुसेना में विशिष्ट सेवा


जून 2006 में भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त करने के बाद, शुभांशु शुक्ला ने तेजी से ऊंचाइयां हासिल कीं। मार्च 2024 तक वे ग्रुप कैप्टन के पद तक पहुंच गए। उनके पास 2,000 से अधिक घंटे उड़ान का अनुभव है और उन्होंने कई विमानों को उड़ाया है। वह एक प्रशिक्षित टेस्ट पायलट और कॉम्बैट लीडर भी हैं।


गगनयान से Ax-4 तक का सफर

गगनयान से लेकर Ax-4 तक सफर


2019 में, शुभांशु शुक्ला को इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) ने भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए चुना। उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कोस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया और 2021 में बुनियादी प्रशिक्षण पूरा किया। फरवरी 2024 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए चार अंतरिक्षयात्री-नामितों में से एक घोषित किया।


Ax-4 मिशन की तैयारी

ऐतिहासिक मिशन की तैयारी


Ax-4 मिशन के लिए शुभांशु और उनकी टीम ने NASA, यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) और जापानी स्पेस एजेंसी JAXA के साथ गहन प्रशिक्षण किया। उन्होंने जर्मनी के कोलोन स्थित ESA के यूरोपीय एस्ट्रोनॉट सेंटर में संचार प्रणाली, आपातकालीन प्रतिक्रियाएं और रिसर्च तकनीकों पर प्रशिक्षण लिया।


व्यक्तिगत जीवन

व्यक्तिगत जीवन


शुभांशु शुक्ला की पत्नी डॉ. कामना शुक्ला एक डेंटिस्ट हैं और उनका एक चार वर्षीय बेटा है। उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं। वह तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। उन्हें व्यायाम और विज्ञान व अंतरिक्ष से जुड़े विषयों की किताबें पढ़ना पसंद है।


विरासत को आगे बढ़ाना

विरासत को आगे बढ़ाना


शुभांशु शुक्ला अब राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय नागरिक बनेंगे। Ax-4 मिशन के जरिए शुभांशु शुक्ला इतिहास रचने जा रहे हैं – वह न केवल अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय नागरिक होंगे, बल्कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक पहुंचने वाले पहले भारतीय भी बनेंगे।