भारतीय सिनेमा के दिग्गज चंद्रा बारोट का निधन: 'डॉन' के निर्माता की कहानी
भारतीय सिनेमा के महान निर्देशक का निधन
भारतीय फिल्म उद्योग को 1978 में 'डॉन' जैसी कालजयी फिल्म देने वाले प्रसिद्ध निर्देशक चंद्रा बारोट का निधन रविवार को हो गया। वह पिछले सात वर्षों से पल्मोनरी फाइब्रोसिस जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उनके निधन के समय उनकी उम्र 86 वर्ष थी। उनकी पत्नी, दीपा बारोट, ने उनके निधन की पुष्टि की और बताया कि उनका इलाज गुरु नानक अस्पताल में चल रहा था। इससे पहले उन्हें जसलोक अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था.
फिल्म 'डॉन' का महत्व
चंद्रा बारोट की फिल्म 'डॉन' ने न केवल अमिताभ बच्चन को एक नई पहचान दी, बल्कि यह भारतीय सिनेमा की क्लासिक फिल्मों में शामिल हो गई। इस फिल्म के कई रीमेक भी बने हैं, जिनमें से फरहान अख्तर द्वारा 2006 में बनाया गया रीमेक विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जिसमें शाहरुख खान ने मुख्य भूमिका निभाई थी.
निर्देशक के रूप में करियर की शुरुआत
चंद्रा बारोट ने अपने करियर की शुरुआत अभिनेता-निर्देशक मनोज कुमार के साथ सहायक निर्देशक के रूप में की थी। उन्होंने 'पूरब और पश्चिम', 'शोर', और 'रोटी कपड़ा और मकान' जैसी चर्चित फिल्मों में काम किया। 1978 में 'डॉन' के साथ उन्होंने निर्देशन में कदम रखा, जो उनकी सबसे प्रसिद्ध फिल्म बन गई। इसके बाद, उन्होंने 1989 में बंगाली फिल्म 'आश्रिता' का निर्देशन किया, जिसने लगभग 3 करोड़ रुपये की कमाई की थी.
उनकी अधूरी परियोजनाएँ
चंद्रा बारोट की अधूरी फिल्मों में 'नील को पकड़ना... इम्पॉसिबल' और 'हांगकांग वाली स्क्रिप्ट' शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने 1991 में 'प्यार भरा दिल' नामक फिल्म का भी निर्देशन किया था। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा.