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मन्नारा चोपड़ा का दशहरा: बचपन की यादें और दिल्ली का उत्सव

मन्नारा चोपड़ा ने दशहरा के त्योहार पर अपने बचपन की यादों को साझा किया, जिसमें उनके दिवंगत पिता के साथ रामलीला देखने के अनुभव शामिल हैं। उन्होंने दिल्ली के उत्सव के माहौल और सामाजिक मेल-जोल की भावना को भी व्यक्त किया। इस साल के त्योहारों के दौरान, मन्नारा ने खुशियों को बांटने की जिम्मेदारी ली है, खासकर अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर। जानें उनके अनुभव और त्योहारों की खुशी के बारे में।
 

दशहरा का त्योहार और मन्नारा चोपड़ा की यादें

अभिनेत्री मन्नारा चोपड़ा, जो रियलिटी शो बिग बॉस 17 के जरिए प्रसिद्ध हुईं, के लिए दशहरा केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह उनके बचपन की सुनहरी यादों से भरा है। दिल्ली में पली-बढ़ी मन्नारा आज भी अपने दिवंगत पिता रमन राय हांडा के साथ रामलीला देखने के अनुभवों को बेहद खास मानती हैं। 34 वर्षीय अभिनेत्री इस त्योहार के मौसम में दिल्ली की जीवंतता, सामाजिक मेल-जोल और लोगों के बीच खुशी बांटने की भावना को गहराई से महसूस करती हैं।




मन्नारा ने साझा किया कि भारत में रहने का मतलब है अपने परिवार, दोस्तों और पंडालों में लोगों के साथ जश्न मनाना। उन्हें याद है कि कैसे वह अपने पिता के साथ रामलीला देखने जाती थीं। उनके पिता उन्हें, उनकी बहन और चचेरे भाइयों को भी साथ ले जाते थे, क्योंकि त्योहारों पर रिश्तेदार भी आते थे। रामलीला देखने के बाद, वे दुकानों से धनुष-बाण, तलवारें और अन्य चीजें खरीदते थे। अभिनेत्री ने सामाजिक समारोहों में जाने की भावना को भी याद किया।


 


अपने देश के प्रति अपने प्यार को व्यक्त करते हुए, उन्होंने कहा, 'मुझे यह देखकर बहुत अच्छा लगता है कि लोग एक-दूसरे से अनजान होते हुए भी कैसे मिलते और बातचीत करते हैं। यही वह जीवंतता है जिसे हम अगली पीढ़ी को देना चाहते हैं।'




दिल्ली के उत्सव के माहौल पर टिप्पणी करते हुए, मन्नारा ने कहा कि इस शहर में पहले से कहीं ज्यादा मेले लगते हैं। इस बार दिल्ली में 100 से अधिक मेले आयोजित किए गए हैं, जिससे लोगों को रोजगार मिलता है और यह एक सांस्कृतिक अनुभव भी प्रदान करता है। उनका मानना है कि यह खुशी दिवाली तक बनी रहती है और शहर को जगमगाते देखना बहुत अच्छा लगता है।


 


हालांकि इस साल की शुरुआत में अपने पिता के निधन से उन्हें व्यक्तिगत क्षति का सामना करना पड़ा, मन्नारा खुशियों को बांटने की जिम्मेदारी उठाती हैं। वह सुनिश्चित करती हैं कि वह दिल्ली वापस आकर सभी रिश्तेदारों, विशेषकर अपनी बहन मिताली हांडा से मिलें और त्योहारों के इस मौसम को जीवित रखें।