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रजनीकांत की फिल्म 'कुली' ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध, 2025 का बड़ा धमाका

रजनीकांत की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'कुली' ने दर्शकों के बीच धूम मचा दी है। इस फिल्म में एक बेहतरीन कहानी और शानदार कलाकारों की टोली है। जानें इस फिल्म की कहानी, समीक्षा और रजनीकांत के जादू के बारे में। क्या यह फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरती है? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

फिल्म 'कुली' का परिचय

वर्ष 2025 केवल कॉलीवुड के लिए नहीं, बल्कि पूरे फिल्म उद्योग के लिए एक विशेष वर्ष साबित हो रहा है, खासकर तमाशा फ़िल्मों के लिए। इस साल की एक प्रमुख फ़िल्म, 'कुली', जिसमें शानदार कलाकारों की टोली है, को अगली बड़ी फ़िल्म के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसमें सभी आवश्यक तत्व मौजूद हैं, जैसे कि एक सफल निर्देशक और रजनीकांत जैसे बड़े सितारे। फ़िल्म में कई समय-सीमाएँ और स्थान शामिल हैं। राजशेखर (सत्यराज) की मृत्यु के बाद, उसकी बड़ी बेटी प्रीति (श्रुति हासन) और उसकी बहनें गहरे सदमे में हैं। उनका पुराना मित्र देवा (रजनीकांत), जो एक हवेली का संचालन करता है, अंतिम विदाई देने आता है, लेकिन प्रीति उसे वहाँ से जाने के लिए कह देती है। कुछ समय बाद, देवा को पता चलता है कि राजशेखर की मौत का रहस्य उससे कहीं अधिक जटिल है।


रजनीकांत का जादू

रजनीकांत की फ़िल्मों के प्रति दर्शकों का उत्साह अद्वितीय होता है। उनके 50 साल के करियर में, वह एक ऐसा ब्रांड बन चुके हैं जो सिनेमा के साथ-साथ बड़ा है। जब भी उनकी फ़िल्म रिलीज होती है, तो यह जानने की उत्सुकता नहीं होती कि उन्होंने कैसा प्रदर्शन किया, बल्कि यह देखने की होती है कि क्या निर्देशक ने एक आधुनिक 'सुपरस्टार' फ़िल्म बनाने में सफलता पाई है। 'कुली' में, लोकेश कनगराज ने इस चुनौती को स्वीकार किया है।


कहानी का आरंभ

फिल्म की शुरुआत विशाखापत्तनम के एक व्यस्त बंदरगाह से होती है, जहाँ किंगपिन साइमन (नागार्जुन) और उसका साथी दयाल (सौबिन शाहिर) एक अवैध धंधा चला रहे हैं। पुलिस के आदेश के बाद, उन्हें समुद्र में शवों का निपटान करने से रोका जाता है, जिसके बाद वे राजशेखर (सत्यराज) की ओर रुख करते हैं, जो एक पूर्व श्रमिक है और एक ऐसी कुर्सी का आविष्कारक है जो शवों का त्वरित अंतिम संस्कार कर सकती है।


कुली की समीक्षा

कुली का पहला भाग प्रशंसकों के लिए समर्पित है, हालाँकि यह फिल्म की गति को धीमा कर देता है। लेकिन दूसरे भाग में, लोकेश ने एक बेहतरीन अनुभव प्रदान किया है। यहाँ कई कैमियो हैं जो कहानी में वजन डालते हैं और समय पर आए मोड़ दर्शकों को बांधे रखते हैं।


रजनीकांत की विरासत

कुली रजनीकांत की विरासत को श्रद्धांजलि देती है, जिसमें ऊर्जा और पुरानी यादों का समावेश है। निर्देशक लोकेश ने एक प्रभावशाली दूसरा भाग तैयार किया है, जिसमें सभी सितारों का सही उपयोग किया गया है। नागार्जुन और सौबिन शाहिर ने अपने किरदारों को बेहतरीन तरीके से निभाया है।


फिल्म का प्रीमियर

फिल्म 'कुली' अब सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो रही है। चेन्नई में प्रशंसकों को थलाइवर दरिसनम के लिए सुबह 9:00 बजे तक इंतज़ार करना पड़ रहा है, जबकि अमेरिका में दर्शक पहले ही इसकी स्क्रीनिंग का आनंद ले चुके हैं। रजनीकांत के अनुयायियों ने इस रिलीज़ को एक उत्सव की तरह मनाया है, जिससे फिल्म को लेकर उत्साह और बढ़ गया है।