राहुल गांधी ने राजगीर में संविधान सुरक्षा सम्मेलन में उठाए महत्वपूर्ण मुद्दे
संविधान की रक्षा का संकल्प
कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को नालंदा के ऐतिहासिक शहर राजगीर में संविधान सुरक्षा सम्मेलन के दौरान जाति जनगणना, संविधान और कानून व्यवस्था जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा की। यह सम्मेलन उस समय एक आशा की किरण बनकर उभरा, जब देश की न्याय प्रणाली और सामाजिक ताने-बाने पर लगातार हमले हो रहे हैं।राहुल गांधी ने गहरी आवाज़ में कहा, “हम अपने संविधान को खत्म नहीं होने देंगे, क्योंकि यही संविधान इस देश की नींव है। इसके बिना, देश का अस्तित्व अधूरा है।” उनके शब्दों में एक गहरी चिंता और देश की वास्तविकता को जानने की जिज्ञासा थी, जो अक्सर छिपी रहती है।
उन्होंने देश की 90 प्रतिशत जनसंख्या की आवाज़ को उठाते हुए कहा, “यह जनता, जो हमारी धरती की असली ताकत है, सत्ता और निर्णयों में अपनी भागीदारी से वंचित है। मुझे इस देश का एक्स-रे करना है, ताकि हम इसकी वास्तविकता को समझ सकें।” उनकी आँखों में आशा और संकल्प की झलक थी।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि “सही जाति जनगणना से कई राजनीतिक दल डरते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि जब देश की असली तस्वीर सामने आएगी, तो उनकी राजनीति का ढांचा टूट जाएगा। इसलिए वे इसे कभी नहीं होने देंगे।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे इस लड़ाई में एकजुट होकर संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करें, ताकि न्याय और भाईचारे की गंगा फिर से बह सके।
राजगीर की पहाड़ियों के बीच, जब राहुल गांधी ने बिहार की बदलती तस्वीर पर बात की, तो उनकी आवाज़ में एक भारीपन था। “बिहार की पुरानी पहचान, जो सत्य, न्याय और अहिंसा का प्रतीक थी, आज ‘क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया’ की काली छाया में धँस चुकी है। यह राज्य न केवल भारत को, बल्कि पूरी दुनिया को यह चेतावनी देता है कि कानून-व्यवस्था कितनी अस्थिर हो सकती है। यहां की सड़कों पर जनता खुद को असुरक्षित महसूस करती है।”
मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, “बार-बार पाला बदलना और अपने फैसलों में झूलना कोई समाधान नहीं है। बिहार की जनता अब जाग चुकी है, वे जानते हैं कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है। शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतें आज भी उनके लिए दूर का सपना हैं।”