लद्दाख में छात्रों का प्रदर्शन: राज्य का दर्जा देने की मांग
लद्दाख में छात्रों का उग्र प्रदर्शन
लद्दाख की खूबसूरत वादियों में बुधवार को छात्रों के नारों की गूंज सुनाई दी। जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में सैकड़ों छात्र सड़कों पर उतर आए और केंद्र सरकार से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की। प्रदर्शन की शुरुआत शांतिपूर्ण तरीके से हुई, लेकिन जल्द ही स्थिति बिगड़ गई।प्रदर्शन के दौरान छात्रों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुईं। हालात उस समय और बिगड़ गए जब प्रदर्शनकारियों ने सीआरपीएफ के एक वाहन को आग लगा दी। इसके बाद पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी गई।
इस विरोध ने तब एक नया मोड़ लिया जब भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के स्थानीय कार्यालय में आग लगा दी। कई क्षेत्रों में तनाव बना हुआ है और प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है।
5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। लेकिन अब स्थानीय लोग, विशेषकर युवा, इसे राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।
सोनम वांगचुक का आंदोलन क्यों बना जनआंदोलन? सोनम वांगचुक, जो एक प्रसिद्ध पर्यावरणविद और समाजसेवी हैं, पिछले कुछ महीनों से अनशन पर हैं। वह लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने और उसे विशेष संरक्षण देने की मांग कर रहे हैं। उनके शांतिपूर्ण और समर्पित आंदोलन को युवाओं का जबरदस्त समर्थन मिला है, खासकर छात्रों का, जो अब खुलकर सामने आ रहे हैं। यही गुस्सा बुधवार को सड़कों पर देखने को मिला।
कौन हैं सोनम वांगचुक? वह एक इंजीनियर, इनोवेटर और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने SECMOL संस्था की स्थापना की, जो लद्दाख की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने का कार्य करती है। फिल्म "3 इडियट्स" का किरदार रैंचो आंशिक रूप से वांगचुक पर आधारित है। उन्हें 2018 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।