लिबरेशन नाटक में आइरीन सोफिया लूसियो का बेबाक प्रदर्शन
नाटक की कहानी और संदेश
मुंबई: न्यूयॉर्क के प्रसिद्ध जेम्स अर्ल जोन्स थिएटर में 'लिबरेशन' नामक नाटक इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। यह नाटक 1970 के दशक की एक फेमिनिस्ट मीटिंग पर आधारित है, जिसमें महिलाएं समानता और आत्म-सम्मान के मुद्दों पर खुलकर चर्चा करती हैं। इस शो में अभिनेत्री आइरीन सोफिया लूसियो 'डोरा' का किरदार निभा रही हैं, जो एक आत्मविश्वासी और बेबाक महिला है।
नाटक के दूसरे भाग में, महिलाएं बिना कपड़ों के मंच पर बैठकर अपने शरीर के बारे में खुलकर बात करती हैं। वे साझा करती हैं कि उन्हें अपने शरीर का कौन सा हिस्सा पसंद है और क्यों। एक पात्र कहता है, 'खुद से प्यार करना ही असली आजादी है।' इस दृश्य ने दर्शकों को आत्म-स्वीकृति और आत्म-सम्मान का गहरा संदेश दिया।
आइरीन सोफिया लूसियो का प्रभाव
आइरीन सोफिया लूसियो के वीडियो ने मचाया तहलका
आइरीन लूसियो ने अपने किरदार 'डोरा' के माध्यम से महिलाओं की सोच और स्वतंत्रता की गहराई को उजागर किया है। उन्होंने कहा, 'लिबरेशन हमें सिखाता है कि अपने शरीर को जैसा है, वैसा ही स्वीकार करना चाहिए। शर्म या डर के बजाय उसे सम्मान और प्यार से देखना चाहिए।'
ब्रेस्टप्लेट डिजाइन की चर्चा
ब्रेस्टप्लेट डिजाइन ने चुराई लाइमलाइट
आइरीन का ब्रेस्टप्लेट लुक सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यह आर्टपीस प्रसिद्ध डिजाइनर मीशा जापानवाला द्वारा तैयार किया गया है। मीशा अपने डिजाइनों के माध्यम से महिलाओं के शरीर को आत्मविश्वास और शक्ति का प्रतीक बनाती हैं। उनका मानना है कि महिलाओं के शरीर को कला और अभिव्यक्ति का माध्यम बनाना गर्व की बात है।
आइरीन लूसियो ने बताया कि यह ब्रेस्टप्लेट उन्होंने शो शुरू होने से लगभग एक महीने पहले बनवाया था। इसके लिए मीशा जापानवाला ने सिलिकॉन की परतें सीधे उनकी त्वचा पर लगाईं ताकि उसका सटीक आकार लिया जा सके। लूसियो ने कहा, 'यह मेरे लिए बहुत खास अनुभव था। जब मैं भविष्य में इसे देखूंगी, तो खुद से कहूंगी - वाह, मैंने यह किया था।'
यह नाटक केवल एक प्रदर्शन नहीं बल्कि एक संदेश है कि मुक्ति का असली अर्थ आत्मस्वीकृति में है। लूसियो ने बताया कि मीशा का काम शरीर की सच्चाई को दिखाता है और हमें अपने रूप को मनाने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा, 'यह कला भी है और याद भी।'