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वाणी कपूर और फवाद खान की फिल्म 'अबीर गुलाल' की रिलीज पर विवाद

फिल्म 'अबीर गुलाल', जिसमें वाणी कपूर और फवाद खान मुख्य भूमिका में हैं, 29 अगस्त को रिलीज होने जा रही है, लेकिन भारत में इसे प्रदर्शित नहीं किया जाएगा। इसके पीछे का कारण भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता राजनयिक तनाव है, जो हाल के आतंकवादी हमले के बाद उत्पन्न हुआ। वाणी कपूर ने इस विवाद पर अपनी राय व्यक्त की है, जबकि रिद्धि डोगरा ने अपने निर्णय का बचाव किया है। जानें इस फिल्म के बारे में और क्या कुछ कहा गया है।
 

फिल्म 'अबीर गुलाल' की रिलीज की तारीख

लंबे समय तक चल रहे विवादों के बाद, बॉलीवुड की अभिनेत्री वाणी कपूर और पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'अबीर गुलाल' अब 29 अगस्त को वैश्विक स्तर पर रिलीज होने जा रही है। हालांकि, इसके निर्माताओं ने भारत में इसे सिनेमाघरों में प्रदर्शित नहीं करने का निर्णय लिया है।


विवाद का कारण

इस फिल्म की रिलीज पहले मई में निर्धारित थी, लेकिन पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और भारत की प्रतिक्रिया 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया। इस तनाव के चलते भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जिसके कारण 'अबीर गुलाल' अपनी निर्धारित तारीख पर रिलीज नहीं हो सकी।


फिल्म के प्रति विरोध

बिज़एशिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में फवाद खान की उपस्थिति के कारण फिल्म को विरोध का सामना करना पड़ा। फिल्म के टीजर और गानों को भारतीय दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली थी, और फवाद के प्रशंसक उनकी नौ साल बाद भारतीय सिनेमा में वापसी को लेकर उत्साहित थे। लेकिन हमले के बाद माहौल बदल गया, और विभिन्न वर्गों से फिल्म के बहिष्कार की मांग उठने लगी, जिसके चलते निर्माताओं को यह निर्णय लेना पड़ा।


वाणी कपूर की प्रतिक्रिया

फिल्म से जुड़ने के कारण वाणी कपूर को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। हाल ही में एक मीडिया इवेंट में उन्होंने इस पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा, 'इसमें बहुत जहर और नफरत है, मैं सुनती रहती हूं, इसका बहिष्कार करो, उसे रद्द करो। मत करो यार, लोगों को अपनी मर्जी से जीने दो।'


रिद्धि डोगरा का बचाव

फिल्म की एक और अभिनेत्री, रिद्धि डोगरा ने भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने के अपने फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा, 'जब मैंने फिल्म साइन की थी, तब दोनों देशों के बीच संबंध स्थिर थे। मैंने सभी कानूनों का पालन किया। आज, मैं अपने देश और हमारे सशस्त्र बलों के साथ खड़ी हूं, लेकिन मुझे उस चीज के लिए परेशान मत करो जो उस समय कानूनी थी।'