शरद पूर्णिमा पर चांद की खूबसूरत शायरी
चांद की खूबसूरती और शायरी
Moon Shayari Sharad Purnima in Hindi: दिल्ली: आसमान में चांद का नजारा सबसे अद्भुत होता है। उसकी ठंडी चांदनी में न कोई हलचल होती है, न कोई जल्दी, बस एक गहरा सुकून होता है जो दिल को छू जाता है। चांद ने अनगिनत शायरी, खयाल और सपनों को प्रेरित किया है।
कभी वह प्रेमियों का साथी बनता है, तो कभी बच्चों की कहानियों का नायक। किसी के लिए चांद जुदाई की याद दिलाता है, तो किसी के लिए मिलन की आशा। शरद पूर्णिमा के अवसर पर चांद और भी खास बन जाता है। प्रसिद्ध शायरों ने चांद पर ऐसी शायरी लिखी है, जो हर दिल को छू जाती है। आइए, पढ़ते हैं चांद पर लिखी कुछ बेहतरीन शायरी।
चांद पर मशहूर शायरों के शेर
सुना है रात उसे चांद तकता रहता है,
सितारे बाम-ए-फ़लक से उतर के देखते हैं।
अहमद फ़राज़
बात वो आधी रात की, रात वो पूरे चांद की,
चांद भी 'ऐन चैत का, उस पे तेरा जमाल भी।
परवीन शाकिर
नहीं बे-हिजाब वो चांद सा कि नज़र का कोई असर न हो,
उसे इतनी गर्मी-ए-शौक़ से बड़ी देर तक न तका करो।
बशीर बद्र
कल चौदहवीं की रात थी, शब भर रहा चर्चा तेरा,
कुछ ने कहा ये चाँद है, कुछ ने कहा चेहरा तेरा।
इब्न-ए-इंशा
चांद कहता था नहीं अहल-ए-ज़मीं है कोई,
कहकशां कहती थी पोशीदा यहीं है कोई।
अल्लामा इक़बाल
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है,
चांद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है।
राहत इंदौरी
इतने घने बादल के पीछे,
कितना तन्हा होगा चाँद।
परवीन शाकिर
ईद का चांद तुम ने देख लिया,
चांद की ईद हो गई होगी।
इदरीस आज़ाद
बच्चों के छोटे हाथों को चांद सितारे छूने दो,
चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएंगे।
निदा फ़ाज़ली
याद के चांद दिल में उतरते रहे,
चांदनी जगमगाती रही रात भर।
मख़दूम मुहिउद्दीन
जी में आता है ये मुर्दा चांद तारे नोच लूं,
इस किनारे नोच लूं और उस किनारे नोच लूं।
असरार-उल-हक़ मजाज़
खेलने के लिए बच्चे निकल आए होंगे,
चांद अब उस की गली में उतर आया होगा।
कैफ़ भोपाली
चांदनी रात का जादू
उम्मीद है कि ये शायरी चांद की तरह आपके दिल को रोशन करेगी। शरद पूर्णिमा की रात में आप इन्हें अपने प्रियजनों और महबूब को भेज सकते हैं। ये शेर आपके इश्क को और भी खूबसूरत बना देंगे।