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शहबाज शरीफ का वायरल वीडियो: सच या झूठ?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का एक विवादास्पद वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वह एक महिला के साथ सोते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो ने पाकिस्तान में हंगामा मचा दिया है, लेकिन फैक्ट-चेकिंग में इसे संदिग्ध और संपादित पाया गया है। जानें इस वीडियो की सच्चाई और इसके पीछे की राजनीति के बारे में।
 

शहबाज शरीफ का विवादास्पद वीडियो

शहबाज शरीफ का वायरल वीडियो: पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी छवि को धूमिल करने का काम किया है। हाल ही में एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक महिला के साथ सोते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो ने पाकिस्तान में हंगामा मचा दिया है। हालांकि, फैक्ट-चेकिंग में यह वीडियो संदिग्ध और संपादित पाया गया है।


सोशल मीडिया पर बवाल


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर Baba Banaras™ नामक हैंडल से इस वीडियो को साझा किया गया। पोस्ट में दावा किया गया कि यह वीडियो शहबाज शरीफ की अमेरिका यात्रा और लंदन में संपत्ति सौदे के बाद का है, जिसके चलते उनके इस्तीफे की मांग उठ रही है। वीडियो के वायरल होते ही पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स दो समूहों में बंट गए हैं। एक पक्ष इसे असली मान रहा है, जबकि दूसरा इसे पूरी तरह से संपादित बता रहा है।



फैक्ट-चेकिंग की सच्चाई


जब इस वीडियो की सत्यता पर सवाल उठे, तो फैक्ट-चेकिंग बॉट @grok को टैग किया गया। @grok के विश्लेषण के अनुसार, वीडियो में ओवरले, संगीत और विशेष प्रभाव जोड़े गए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वीडियो में छेड़छाड़ की गई है। इसके अलावा, पाकिस्तान या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी विश्वसनीय मीडिया संस्थान ने इस वीडियो या प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग की कोई आधिकारिक खबर नहीं दी है।


बलूचिस्तान में तनाव की स्थिति


इस बीच, एक और विवाद ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शहबाज शरीफ और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने हाल ही में अमेरिका की यात्रा के दौरान बलूचिस्तान के दुर्लभ खनिजों और पासनी पोर्ट से जुड़ी एक गुप्त डील की है। कहा जा रहा है कि यह समझौता अमेरिका के साथ हुआ है, जिसके तहत अमेरिका इस पोर्ट को विकसित करेगा और बदले में पाकिस्तान वहां के खनिज संसाधनों की आपूर्ति करेगा।


कुल मिलाकर, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा शहबाज शरीफ का यह वीडियो संदिग्ध और फर्जी है। वीडियो में संपादन के स्पष्ट संकेत हैं और किसी भी आधिकारिक स्रोत ने इसकी पुष्टि नहीं की है। इसलिए इसे एक मिसइन्फॉर्मेशन अभियान का हिस्सा माना जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में सोशल मीडिया पर बिना जांच-परख के विश्वास करना खतरनाक हो सकता है।