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शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा पर 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला

बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा एक गंभीर कानूनी मामले में फंस गए हैं, जिसमें 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं, जिसमें राज कुंद्रा द्वारा शिल्पा की कंपनी के खाते में 15 करोड़ रुपये का ट्रांसफर शामिल है। जांच में यह भी पता चला है कि कुछ राशि सिस्टर कंपनियों को भी भेजी गई है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आगे की कार्रवाई के बारे में।
 

कानूनी मुश्किलों में फंसे शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा

मुंबई: बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा एक बार फिर कानूनी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने 60 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। जांच में यह सामने आया है कि इस राशि में से लगभग 15 करोड़ रुपये राज कुंद्रा ने शिल्पा शेट्टी की कंपनी के बैंक खाते में ट्रांसफर किए थे। अब शिल्पा शेट्टी को भी इस मामले में पूछताछ के लिए जल्द ही समन भेजा जा सकता है।


ईओडब्ल्यू की जांच में महत्वपूर्ण सवाल: अधिकारियों का कहना है कि यह जानना आवश्यक है कि इतनी बड़ी राशि किस आधार पर ट्रांसफर की गई। जांच में यह भी देखा जाएगा कि क्या यह भुगतान किसी विज्ञापन या पेशेवर सेवाओं के लिए किया गया था, क्योंकि आमतौर पर विज्ञापन के लिए इतनी बड़ी राशि खर्च नहीं की जाती। शिल्पा शेट्टी द्वारा उठाए गए बिलों की भी विस्तृत जांच की जाएगी।


जांच में यह भी पता चला है कि रेजोल्यूशन पर्सनैलिटीज़ (RP) नामक कंपनी ने अब तक ईओडब्ल्यू को आवश्यक दस्तावेज नहीं दिए हैं। पहले इन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन कागजात अब तक नहीं सौंपे गए। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता व्यापारी को जानबूझकर कंपनी के 26% शेयर नहीं दिए गए, ताकि यह जानकारी राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) तक न पहुंचे। इसके अलावा, यह भी पाया गया है कि 60 करोड़ रुपये में से कुछ राशि सिस्टर कंपनियों को भी ट्रांसफर की गई है।


ईओडब्ल्यू इस सप्ताह के अंत तक राज कुंद्रा को फिर से समन जारी करने की योजना बना रही है। इससे पहले भी राज कुंद्रा पर मनी लॉन्ड्रिंग और पोर्नोग्राफी जैसे मामलों में अन्य एजेंसियों द्वारा कार्रवाई की जा चुकी है। अब वे एक बार फिर ईडी और आर्थिक अपराध शाखा की जांच के दायरे में आ गए हैं।