शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा पर 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का नया मोड़
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की नई कानूनी मुसीबत
बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा एक बार फिर से चर्चा में हैं। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने उनके खिलाफ 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में नई कार्रवाई की है। इस मामले में EOW ने शिल्पा और राज की कंपनी बेस्ट डील प्राइवेट लिमिटेड के चार पूर्व उच्च पदस्थ कर्मचारियों को समन भेजा है। इनसे कंपनी के वित्तीय लेन-देन और पैसे के उपयोग के बारे में पूछताछ की जाएगी।
एक कर्मचारी का बयान पहले ही दर्ज किया जा चुका है, जबकि अन्य तीन के आने की उम्मीद है। यह मामला 2015 से चल रहा है, जिसमें बिजनेसमैन दीपक कोठारी ने आरोप लगाया है कि शिल्पा और राज ने उन्हें 60 करोड़ रुपये के लोन-कम-इनवेस्टमेंट डील में फंसाया। कोठारी का कहना है कि पैसे व्यवसाय के नाम पर लिए गए, लेकिन उन्हें व्यक्तिगत खर्चों में खर्च कर दिया गया।
नया मोड़: 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला
बेस्ट डील प्राइवेट लिमिटेड, जो एक होम शॉपिंग और ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म था, अब बंद हो चुकी है। अगस्त 2023 में जुहू पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई थी, जिसे बाद में EOW को सौंप दिया गया। राज कुंद्रा ने दावा किया था कि 20 करोड़ रुपये ऑफिस फर्निशिंग पर खर्च किए गए, लेकिन EOW यह जांच कर रही है कि क्या वास्तव में इतना पैसा खर्च हुआ। इसके साथ ही कंपनी के ऑर्डर्स और सैलरी पेमेंट्स पर भी ध्यान दिया जा रहा है कि क्या ये कमाई से हुए या बाहर से। चारों कर्मचारी उस समय कंपनी में उच्च पदों पर थे।
EOW की पूछताछ: पूर्व कर्मचारियों से जानकारी जुटाई जा रही है
EOW जानना चाहती है कि पैसे का उपयोग कहां-कहां किया गया। एक अधिकारी ने बताया, 'हम यह देख रहे हैं कि क्या 60 करोड़ के लोन के लिए कोई क्लाइंट ऑर्डर्स थे या नहीं।' हाल ही में राज कुंद्रा का बयान लिया गया था और उन्हें अगले हफ्ते फिर से बुलाया जा सकता है। शिल्पा का बयान भी पहले ही रिकॉर्ड किया जा चुका है। जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ फंड्स सीधे एक्ट्रेसेस के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए, जैसे कि बिपाशा बसु और नेहा धूपिया को प्रमोशन के लिए।
शिल्पा और राज के वकील का बयान
शिल्पा और राज ने सभी आरोपों को सिविल प्रकृति का बताया है। उनके वकील का कहना है कि यह एक व्यवसायिक विफलता है, न कि आपराधिक मामला। NCLT ने अक्टूबर 2024 में इसे सिविल माना था, लेकिन EOW की जांच अभी भी जारी है। लुकआउट नोटिस भी जारी किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कपल देश न छोड़ सके। कोठारी ने कहा कि 75 करोड़ का लोन 12% ब्याज पर मांगा गया था, लेकिन टैक्स बचाने के लिए इसे इनवेस्टमेंट के रूप में दिखाया गया।