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शोले के 50 साल: हेमा मालिनी ने बसंती के किरदार पर किया बड़ा खुलासा

भारतीय सिनेमा की क्लासिक फिल्म शोले के 50 साल पूरे होने पर, हेमा मालिनी ने अपने किरदार बसंती के बारे में एक दिलचस्प खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कैसे रमेश सिप्पी की एक प्रेरक बात ने उन्हें इस भूमिका को स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया। आज भी बसंती का जादू बरकरार है, और लोग उनके डायलॉग को सुनने के लिए उत्सुक रहते हैं। जानें इस किरदार के पीछे की कहानी और उसकी प्रासंगिकता।
 

शोले की 50वीं वर्षगांठ पर हेमा मालिनी का खुलासा

शोले के 50 साल: भारतीय सिनेमा की एक प्रतिष्ठित फिल्म शोले के 50 साल पूरे होने के अवसर पर, बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री हेमा मालिनी ने अपने प्रसिद्ध किरदार 'बसंती' के बारे में एक दिलचस्प बात साझा की है। एक मीडिया इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि शुरुआत में वह इस भूमिका को निभाने के लिए अनिच्छुक थीं, क्योंकि उन्हें यह एक छोटा सा रोल लगा था।


हेमा मालिनी ने कहा कि जब निर्देशक रमेश सिप्पी ने उन्हें बसंती का किरदार ऑफर किया, तो उन्होंने हैरानी से पूछा, 'क्या आप सच में मुझे तांगे वाली का रोल दे रहे हैं?' उस समय उन्होंने सिप्पी के साथ कई फिल्मों में डबल रोल निभाए थे, इसलिए एक सिंगल किरदार निभाने का विचार उन्हें आकर्षित नहीं कर रहा था। उन्होंने कहा, 'यह मुझे प्रेरित नहीं करता।'


रमेश सिप्पी की प्रेरक बात

रमेश सिप्पी के एक वाक्य ने बदल दिया मन


रमेश सिप्पी ने हेमा से कहा, 'बस हां कह दो, वरना पछताओगी।' इस वाक्य ने उनका मन बदल दिया और उन्होंने फिल्म के लिए सहमति दे दी। हेमा मानती हैं कि यह उनके करियर का सबसे सही निर्णय था, क्योंकि आज भी लोग उन्हें बसंती के रूप में याद करते हैं।


उन्होंने यह भी बताया कि बसंती के डायलॉग बोलने का तरीका उनके लिए चुनौतीपूर्ण था। लेखक जावेद अख्तर ने उनके साथ बैठकर सीन सुनाया और खुद उसे निभाकर दिखाया। हेमा ने उनके अंदाज को अपनाया और उसमें अपना स्टाइल जोड़ा। यही कारण है कि आज भी लोग उनके डायलॉग को दोहराना पसंद करते हैं।


बसंती का जादू आज भी बरकरार

50 साल बाद भी कायम है 'बसंती' का क्रेज


एक्ट्रेस ने कहा कि जब वह किसी कार्यक्रम में जाती हैं, तो लोग उनसे बसंती का कोई डायलॉग सुनाए बिना उन्हें मंच से जाने नहीं देते। उनके अनुसार, बसंती उस समय की एक आत्मनिर्भर महिला थीं, जो अपनी शर्तों पर जीवन जीती थीं।


हालांकि हेमा सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय नहीं हैं, लेकिन उन्होंने सुना है कि बसंती पर बने कई मीम्स और वीडियो आज भी वायरल होते हैं। उनका मानना है कि यह किरदार न केवल अपने समय से आगे था, बल्कि आज भी महिला सशक्तिकरण का प्रतीक माना जाता है।