सट्टेबाजी मामले में ED की कार्रवाई: युवराज सिंह, सोनू सूद और अन्य की संपत्तियां जब्त
प्रवर्तन निदेशालय की सख्त कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में सट्टेबाजी से संबंधित मामलों में कठोर कदम उठाए हैं। इस कार्रवाई में पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह, रॉबिन उथप्पा, अभिनेता सोनू सूद, उर्वशी रौतेला, नेहा शर्मा और पूर्व सांसद मिमी चक्रवर्ती शामिल हैं। इन सभी की संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है। केंद्रीय एजेंसी इस समय सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म से जुड़े वित्तीय लेनदेन की गहन जांच कर रही है।
संपत्तियों की जब्ती का विवरण
ED ने युवराज सिंह की ₹2.5 करोड़ की संपत्ति जब्त की है, जबकि रॉबिन उथप्पा की ₹8.26 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है। इसके अलावा, सोनू सूद की ₹1 करोड़ की संपत्ति और उर्वशी रौतेला की ₹2.02 करोड़ की संपत्ति भी जब्त की गई है। उर्वशी की संपत्ति उनकी मां के नाम पर रजिस्टर्ड है। नेहा शर्मा की ₹1.26 करोड़ की संपत्ति भी जब्त की गई है। अंकुश हाजरा के नाम पर ₹47.20 लाख की संपत्ति और मिमी चक्रवर्ती की ₹59 लाख की संपत्ति भी अटैच की गई है।
| व्यक्ति का नाम | संपत्ति की राशि |
|---|---|
| युवराज सिंह | ₹2.5 करोड़ |
| रॉबिन उथप्पा | ₹8.26 करोड़ |
| उर्वशी रौतेला | ₹2.02 करोड़ |
| सोनू सूद | ₹1 करोड़ |
| मिमी चक्रवर्ती | ₹59 लाख |
| अंकुश हाजरा | ₹47.20 लाख |
| नेहा शर्मा | ₹1.26 करोड़ |
पिछली कार्रवाई और जांच की स्थिति
इससे पहले, ED ने सट्टेबाजी ऐप से जुड़े मामलों में क्रिकेटर शिखर धवन और सुरेश रैना के खिलाफ भी कार्रवाई की थी। सुरेश रैना की ₹6.64 करोड़ की संपत्ति और शिखर धवन की ₹4.55 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई थी। ED ने यह कार्रवाई 1xBet मामले में की थी। एजेंसी के अनुसार, इस मामले में अब तक ₹19.07 करोड़ की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। यह मामला एक अवैध सट्टेबाजी ऐप से जुड़ा हुआ है, जिसमें आरोप है कि इन ऐप्स ने लोगों को आकर्षक विज्ञापनों के माध्यम से धोखा दिया या उनसे करोड़ों रुपये की ठगी की।
जुआ एक ऐसा खेल है जिसमें लोग भविष्यवाणियों के आधार पर दांव लगाते हैं। कई ऐप्स उपलब्ध हैं, जिनमें से एक 1xBet है, जिसके माध्यम से लोग ऑनलाइन जुड़कर दांव लगाते हैं। ED इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस ऐप के जरिए कोई गैर-कानूनी वित्तीय लेनदेन हुआ है। जांच अभी भी जारी है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि जब ED किसी की संपत्ति अटैच करती है, तो इसका मतलब है कि उस संपत्ति को बेचा या व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यदि बाद में सभी आरोप हटा दिए जाते हैं, तो संपत्ति वापस कर दी जाती है।