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स्वास्थ्यकर्मियों का जियो फेंसिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

जींद में स्वास्थ्यकर्मियों ने जियो फेंसिंग आधारित उपस्थिति के खिलाफ काले बिल्ले पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो चार अगस्त को एक घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा। स्वास्थ्य संगठनों ने इसे संविधान के निजता के अधिकारों का उल्लंघन बताया है। जानें इस आंदोलन के पीछे की वजह और स्वास्थ्यकर्मियों की मांगें।
 

स्वास्थ्यकर्मियों ने काले बिल्ले पहनकर जताया विरोध


  • जियो फेंसिंग आधारित उपस्थिति के खिलाफ स्वास्थ्यकर्मियों का विरोध


(जींद) स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सकों ने सोमवार को जियो फेंसिंग आधारित उपस्थिति के खिलाफ काले बिल्ले पहनकर अपना विरोध दर्ज कराया। यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे चार अगस्त को सुबह 10 बजे से 11 बजे तक एक घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन और अन्य स्वास्थ्य संगठनों के सदस्यों ने इस विरोध में भाग लिया।


एचसीएमएस के अध्यक्ष डॉ. बिजेंद्र ढांडा और डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला ने कहा कि जब सभी कर्मचारी पहले से ही बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं, तो जियो फेंसिंग के आदेश का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने इसे अव्यवहारिक और संविधान के निजता के अधिकारों का उल्लंघन बताया।


सरकार को बदनाम करने की कोशिश


डॉ. अरविंद और अन्य ने कहा कि लाइव लोकेशन आधारित जियो फेंसिंग हाजिरी संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी जानबूझकर सरकार और स्वास्थ्यकर्मियों के बीच दरार पैदा कर रहे हैं।


सरकार द्वारा जारी किए गए जियो फेंसिंग के आदेशों को तुरंत वापस लेने की मांग की गई है।


कार्य बहिष्कार की चेतावनी


स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ के प्रदेशाध्यक्ष राममेहर वर्मा ने कहा कि यदि तीन अगस्त तक जियो फेंसिंग के आदेश वापस नहीं लिए गए, तो चार अगस्त को सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में एक घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा।


उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आदेश वापस नहीं लिए गए, तो 10 अगस्त को राज्यस्तरीय पदाधिकारी अगली बैठक करेंगे और नए आंदोलन की घोषणा करेंगे।