हार्ट अटैक के कारण: तनाव और स्वास्थ्य पर प्रभाव
हार्ट अटैक के कारण
आजकल युवा वर्ग में बीमारियों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन हार्ट अटैक एक गंभीर समस्या बन चुकी है। यह एक आपातकालीन स्थिति है, जो जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकती है। यदि समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिलती है, तो जान बचाना मुश्किल हो सकता है। भारत में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या चिंताजनक है।
सेलिब्रिटीज पर भी असर
हाल ही में, शेफाली जरीवाला की मृत्यु कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई। इससे पहले कई मशहूर हस्तियों जैसे सिंगर केके, सिद्धार्थ शुक्ला, कन्नड़ अभिनेता पुनीत राजकुमार और राजू श्रीवास्तव भी हार्ट अटैक का शिकार हो चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि क्रोनिक स्ट्रेस हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण है।
क्रोनिक स्ट्रेस क्या है?
डॉ. विनीत बंगा, न्यूरोलॉजी विभाग के निदेशक, बताते हैं कि क्रोनिक स्ट्रेस अस्थायी तनाव से भिन्न होता है। यह लंबे समय तक बना रहता है और शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है, विशेषकर दिल की धमनियों को।
तनाव और दिल का संबंध
विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक तनाव में रहने से शरीर में कॉर्टिसोल और एड्रिनलिन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे दिल की धड़कन तेज होती है और रक्तचाप बढ़ता है। तनाव के कारण रक्त का जमाव भी हो सकता है, जो दिल के दौरे का कारण बन सकता है।
क्रोनिक स्ट्रेस का मस्तिष्क पर प्रभाव
दीर्घकालिक तनाव मस्तिष्क की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इससे सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे हार्मोनों की कमी होती है, जो मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।
राहत पाने के उपाय
क्रोनिक स्ट्रेस का उपचार घर पर करना कठिन हो सकता है। ऐसे में, विशेषज्ञ से परामर्श लेना आवश्यक है। इसके साथ ही, जीवनशैली में कुछ बदलाव भी मददगार हो सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए डॉक्टर से मिलना जरूरी है।