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हुमा कुरैशी की बिना ऑडिशन फिल्मी सफर की अनोखी कहानी

हुमा कुरैशी की कहानी एक प्रेरणादायक सफर है, जिसमें उन्होंने बिना किसी ऑडिशन के 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में अपनी जगह बनाई। जानें कैसे एक साधारण विज्ञापन शूट ने उनके करियर की दिशा बदल दी। यह कहानी नए कलाकारों के लिए एक प्रेरणा है कि अवसर कभी-कभी अप्रत्याशित तरीकों से आते हैं।
 

हुमा कुरैशी का अद्वितीय करियर प्रारंभ

कई नए अभिनेता अपने करियर की शुरुआत के लिए छोटे-छोटे रोल करने से लेकर टेलीविजन और विज्ञापनों में अपनी किस्मत आजमाने तक हर संभव प्रयास करते हैं। लेकिन क्या होगा अगर आपकी किस्मत आपको बिना किसी ऑडिशन के बड़े पर्दे पर ले आए? आज हम एक ऐसी अभिनेत्री के बारे में चर्चा करेंगे, जिसने न केवल अपने अभिनय करियर में कई प्रशंसा प्राप्त फिल्में दी हैं, बल्कि उनकी पहली फिल्म पाने की कहानी भी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है।


हम बात कर रहे हैं हुमा कुरैशी की, जिन्हें शायद किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने 2012 में अनुराग कश्यप की एक्शन क्राइम थ्रिलर 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से अपने करियर की शुरुआत की। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म में अपनी भूमिका के लिए उन्होंने कभी ऑडिशन नहीं दिया?


यह घटना तब की है जब हुमा कुरैशी एक नौसिखिया थीं और अभिनय में ब्रेक पाने की उम्मीद में विज्ञापनों में काम कर रही थीं। लेकिन किस्मत ने कुछ और ही तय किया। उन्हें एक विज्ञापन शूट के दौरान प्रसिद्ध फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने देखा, जब वह बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान के साथ एक ब्रांड के लिए निर्देशन कर रहे थे।


हुमा ने इस घटना को याद करते हुए कहा, "यह वाई में चार दिन की शूटिंग थी। दूसरे दिन शूटिंग के दौरान अनुराग ने कहा, 'मैं तुम्हें एक पिक्चर में लूंगा।' मैंने जवाब दिया, 'मैं तो अभी आई हूँ बॉम्बे। मैंने सुना है बहुत स्ट्रगल करनी पड़ती है। ऐसे आसानी से फिल्म नहीं मिलती।'"


अनुराग कश्यप ने उनकी इस स्वाभाविक झिझक पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "तू पागल है क्या?" और हुमा ने हंसते हुए कहा, "थोड़ी सी।" इसी छोटी सी बातचीत ने उनके फिल्मी करियर का रास्ता खोल दिया। हुमा ने कहा, "तो इस तरह 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' हुई। मैंने फिल्म के लिए ऑडिशन नहीं दिया।"


यह किस्सा न केवल हुमा कुरैशी की अप्रत्याशित सफलता की कहानी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे सही समय पर सही जगह होना और एक दूरदर्शी निर्देशक की पहचान आपके करियर की दिशा बदल सकती है। यह कहानी नए कलाकारों को प्रेरित करती है कि अवसर अप्रत्याशित तरीकों से आ सकते हैं, और कभी-कभी, आपकी सबसे बड़ी ताकत आपका स्वाभाविक व्यक्तित्व होता है।