अंतर्राष्ट्रीय सुशी दिवस: जानें इतिहास और बनाने की विधि
अंतर्राष्ट्रीय सुशी दिवस
अंतर्राष्ट्रीय सुशी दिवस: हर साल 18 जून को विश्वभर में अंतर्राष्ट्रीय सुशी दिवस मनाया जाता है। पारंपरिक रूप से, सुशी का स्वाद नमकीन, खट्टी और थोड़ी मीठी होती है। यह डिश विशेष रूप से उन लोगों के बीच लोकप्रिय है, जिन्हें मछली से बनी चीजें पसंद हैं। जापान में इसकी उत्पत्ति हुई, और अब यह कई अन्य देशों में भी पसंद की जाती है।
सुशी का इतिहास
सुशी की शुरुआत जापान में 1600 से 1800 के बीच ईदो काल में हुई थी। इसे बनाने के लिए मछली और सब्जियों को चावल में लपेटा जाता था और सिरके के साथ मिलाया जाता था। नारेज़ुशी की विभिन्न शैलियाँ हर क्षेत्र में पाई जाती थीं, लेकिन आज के समय में अधिकांश लोग इस डिश से परिचित हैं। 1800 के दशक की शुरुआत में, निगिरिज़ुशी की शैली विकसित हुई, जिसमें चावल के ऊपर मछली का एक टुकड़ा रखा जाता था।
1923 में आए ग्रेट कांटो भूकंप ने जापानी अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया और कई लोगों को विस्थापित कर दिया। इस स्थिति ने जापानियों को नए स्थानों पर जीवन शुरू करने के लिए मजबूर किया, जिसके परिणामस्वरूप सुशी का प्रसार विश्वभर में हुआ।
सुशी बनाने की विधि
सामग्री:
सुशी चावल- 1 कप
पानी - 1 1/2 कप
नमक - 1/2 छोटा चम्मच
दही - 1/4 कप
आम का अचार
नोरी शीट - 2
तड़के के लिए - सरसों के बीज - 1 छोटा चम्मच
अदरक - 1/2 इंच
हिंग - एक चुटकी
विधि
1. सुशी के लिए चावल को कुछ बार धोकर मध्यम आंच पर तीन सीटी आने तक पकाएं।
2. पकने के बाद, चावल को ठंडा करने के लिए एक प्लेट में रखें।
3. ठंडा होने पर चावल में नमक मिलाएं।
4. फिर तड़का तैयार करें और चावल में मिलाएं।
5. अब दही डालें और सुनिश्चित करें कि मिश्रण चिपचिपा हो, ताकि सुशी को रोल करने में आसानी हो।
6. नोरी शीट को सुशी रोलिंग मैट पर रखें, चावल डालें और फिर आम के अचार की परत लगाएं।
7. रोल करने के बाद, इसे छोटे टुकड़ों में काट लें।