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घर पर मूली उगाने का सरल तरीका: जानें पूरी प्रक्रिया

मूली एक पौष्टिक सब्जी है जो स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करती है। इस लेख में, हम आपको घर पर मूली उगाने की सरल प्रक्रिया बताएंगे, जिसमें मिट्टी का चयन, बीज बोने की विधि और पौधों की देखभाल शामिल है। इसके साथ ही, मूली खाने के स्वास्थ्य लाभों पर भी चर्चा की जाएगी। जानें कैसे आप अपनी बालकनी या छत पर आसानी से मूली उगा सकते हैं और इसके फायदों का आनंद ले सकते हैं।
 

मूली के स्वास्थ्य लाभ


मूली का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
मूली में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। इसे सलाद के साथ-साथ सब्जी में भी उपयोग किया जाता है। हालांकि, यदि आप घर पर उगाई गई मूली का आनंद लेना चाहते हैं, तो इसे अपनी बालकनी या छत पर आसानी से उगाया जा सकता है। आइए, हम आपको इसकी प्रक्रिया बताते हैं।


गमले में मूली उगाने की विधि

मूली की खेती खरीफ, रबी और जायद में की जा सकती है। खरीफ में जुलाई से अगस्त, रबी में अक्टूबर से नवंबर और जायद में फरवरी से मार्च के बीच इसे उगाया जा सकता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं:



  • मूली उगाने के लिए जल निकासी वाली मिट्टी का उपयोग करें।

  • 6-7 पीएच वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है।

  • गमले में बीजों को 1/2 इंच गहराई में बोएं और एक-दूसरे से एक इंच की दूरी पर रखें।

  • बीजों को मिट्टी की एक हल्की परत से ढकें और फिर गमले में पानी डालें।

  • गमले में नियमित रूप से पानी डालें, लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी गीली न हो।

  • मूली के पौधों को 6-7 घंटे धूप की आवश्यकता होती है।

  • गमले को ऐसी जगह रखें जहाँ पर्याप्त धूप आती हो।

  • मूली के पौधों के लिए तापमान 10-18 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।

  • बीज बोने के 5-7 दिन बाद पौधे उगने लगते हैं और फसल तैयार होने में 4-5 सप्ताह लगते हैं।


मूली के सेवन के फायदे

मूली का नियमित सेवन कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यह शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करती है, विशेषकर लिवर और किडनी के लिए। कम कैलोरी वाली मूली वजन घटाने में सहायक होती है और इसमें मौजूद ग्लूकोसिनोलेट्स कैंसर से बचाव में मदद करते हैं।


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